MP पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, सोमवार को फिर होगी सुनवाई

Amit Sengar
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Jabalpur News : पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले मामले में आज राज्य सरकार ने अपना जवाब पेश करते हुए हाईकोर्ट को जवाब में कहा कि हमने अभी तक 24 करोड़ में से 4 करोड़ रुपए कॉलेजों से वसूल लिए है, जिस पर कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डिविजन बैंच ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के जबाब पर नाराजगी जताई। हाईकोर्ट ने कहा कि बीते आठ सालों से वसूली आखिर क्यो कालेज़ों से लंबित रखी गई है।

मध्यप्रदेश लॉ स्टूडेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल ने जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया था कि वर्ष 2010 से 2015 तक प्रदेश के सैकड़ों निजी पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने फर्जी छात्रों को प्रवेशित दिखाकर सरकार से करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति की राशि हड़प कर ली थी, इस मामले में शिकायतों के बाद जब जांच हुई तो पाया गया कि जिन छात्रों के नाम पर राशि ली गई थी वह कभी एग्जाम में बैठे ही नहीं थे इसके अतिरिक्त एक ही छात्र के नाम पर कई कॉलेजों में एक ही समय में छात्रवृत्ति निकाली थी इस पूरे मामले में जांच के बाद प्रदेश भर में 100 से ज्यादा कॉलेज संचालकों पर एफ.आई.आर दर्ज हुई थी तथा पूरे प्रदेश में निजी पैरामेडीकल कॉलेजों से करोड़ों रुपए की वसूली के आदेश जारी हुए थे लेकिन अधिकारियों और कॉलेजों की मिलीभगत से करोड़ों रुपयों की वसूली आज दिनांक तक नहीं हो सकी है !

पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में प्रदेश भर के कॉलेजो एवं अधिकारियों के विरुद्ध 100 से ज्यादा मुकदमे लोकायुक्त में हैं दर्ज

जबलपुर के 5 कॉलेजों ने सरकार के रिकवरी नोटिस को सिविल कोर्ट में चैलेंज किया था और स्टे मांगा था, कोर्ट ने आवेदन खारिज कर दिया था और वसूली पर स्थगन देने से इंकार कर दिया था।

प्रदेश के कई कॉलेजो ने मामले को लंबित रखने कई बार हाईकोर्ट की भी शरण ली थी किंतु रिकवरी पर कोई खास राहत नही मिली।

पैरामेडिकल कॉलेजों की एसोसिएशन द्वारा जनहित याचिका लगाकर उनके विरुद्ध लोकायुक्त द्वारा दर्ज की गई FIR को दी गयी थी चुनौती जिस पर हाईकोर्ट ने लगाया था 1 लाख का जुर्माना।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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