जबलपुर,संदीप कुमार। हर साल होने वाली अनाज की बर्बादी के मामले में राज्य सरकार ने जबलपुर हाईकोर्ट में जवाब देते हुए एक बड़ा दावा किया था जो बेमौसम बारिश के मौजूदा दौर में दिखावा साबित हो रहा है, हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि प्रदेश में अनाज के सुरक्षित भंडारण के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं लिहाजा अब बारिश में अनाज के खराब होने की नौबत नहीं आएगी, बावजूद इसके जबलपुर में हुई बेमौसम बारिश में सैकड़ों क्विंटल धान भीग गई।
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हम आपको बता दें कि मौसम विभाग की बारिश की चेतावनी के बावजूद यहां कई खरीदी केन्द्रों में धान की खरीदी खुले आसमान के नीचे की जा रही थी जिससे किसानों की धान बुरी तरह भीग गई, प्रशासन ने जब ये साफ कर दिया है कि वो सिर्फ सूखा धान ही समर्थन मूल्य पर खरीदेगा तो बारिश में धान के भीगने से किसान परेशान है,किसानों की शिकायत है कि उन्हें धान खरीदी के एसएमएस सही वक्त पर नहीं भेजे गए जिससे किसान बड़ी तादात में अपनी उपज लेकर मंडियों में पहुंच गए जहां बारिश से बचने के इंतजाम ना होने से धान भीगी और अब उसका भी खामियाजा उन्हें उठाना पड़ रहा है।
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इन हालातों पर विपक्ष ने प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाया है, कांग्रेस ने सिर्फ जबलपुर जिले में ही कई हजार क्विंटल धान भीगने का आरोप लगाते हुए इन हालातों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, कांग्रेस का आरोप है कि मौसम विभाग की चेतावनी और हाईकोर्ट में सरकार के जवाब के बावजूद अधिकारियों ने खुले आसमान के नीचे खरीदी की और इसमें लापरवाही भी की गई,वही जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बेमौसम बारिश को प्राकृतिक आपदा बताया है और किसानों को धान सुखाने के लिए वक्त देने की बात की है, अधिकारियों के मुताबिक जिले में अधिकांश धान खरीदी वेयरहाउस में की गई है लेकिन कुछ सोसायटी में शेड्स ना होने से धान भीगी है और ये तादात पंद्रह से बीस हजार क्विंटल है।