DA HIKE : कर्मचारियों पेंशनरों को नए साल का तोहफा, महंगाई भत्ता बढा, खाते में बढ़कर आएगी सैलरी

इस कदम से राज्य के 1 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधा फायदा होगा।हालांकि, यह महंगाई भत्ता अभी भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मुकाबले 14% कम है।

Pooja Khodani
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Manipur DA Hike 2025 : मणिपुर के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। राज्य की बीरेन सरकार ने अपने कर्मचारियों को नया साल का बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है। इस फैसले के बाद कर्मचारियों का डीए 32 फीसदी से बढ़कर 39% पहुंच गया है।

राज्य सरकार ने महंगाई भत्ते में 7 फीसदी की वृद्धि की है, जिसके बाद डीए 32 फीसदी से बढ़कर 39 फीसदी पहुंच गया है। इस कदम से राज्य के 1 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधा फायदा होगा।हालांकि, यह महंगाई भत्ता अभी भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मुकाबले 14% कम है, क्योंकि वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 53% DA मिल रहा है।

हिंसा से विस्थापितों को 50000 रु का बिना ग्यारंटी कर्ज

सीएम ने बताया कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री उद्यमिता सहायता योजना के तहत 426 आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को बिना किसी गारंटी के ऋण दिया है। जातीय हिंसा के कारण विस्थापित लोगों को 50,000 रुपये का भी कर्ज बिना किसी गारंटी के दे रही है।अब तक लगभग सात स्टार्टअप की पहचान की गई है और वे 432 विस्थापित लोगों को रोजगार देने के लिए तैयार हैं। करीब 500 युवाओं को एयर इंडिया और इंडिगो में विमान चालक दल के सदस्य के रूप में शामिल होने के लिए दिल्ली में आवासीय कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।

केन्द्रीय कर्मचारियों का नए साल में फिर बढ़ेगा DA

केंद्र सरकार द्वारा हर साल 2 बार केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के DA/DR की दरों में संशोधन किया जाता है, जो AICPI इंडेक्स के छमाही आंकड़ों पर निर्भर करता है। यह वृद्धि हर साल जनवरी/जुलाई से की जाती है। साल 2024 की बात करें तो जनवरी 2024 से 4% तो जुलाई से 3% DA बढ़ाया गया था, जिसके बाद डीए 53% हो गया है, अब अगली वृद्धि जनवरी 2024 से होना है, जिसका ऐलान बजट 2025-26 के बाद होने की संभावना है।संभावना है कि इस बार भी 3 से 4% की वृद्धि हो सकती है। यह वृद्धि 7th Pay Commission के तहत की जाएगी।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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