Jabalpur : नर्मदा बचाने भैया जी सरकार ने 256 दिनों से अन्न-आहार त्यागा, बिगड़ी तबियत, नागपुर किया रेफर

Published on -

जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (Jabalpur) में नर्मदा बचाओ आन्दोलन को लेकर बीते 256 दिनों से अन्न-आहार त्याग कर मां नर्मदा सरंक्षण के लिए सत्याग्रह कर रहे भैयाजी सरकार की तबियत लगातार बिगड़ती जा रही है। लिहाजा उन्हें इलाज के लिए अब नागपुर रेफर किया गया है।

यह भी पढ़ें…Job Alert: मध्य प्रदेश में इन पदों पर निकली है भर्ती, 31 जुलाई तक कर सकते है आवेदन

इस कारण शुरू किया था जल सत्याग्रह आंदोलन
दरअसल उच्च न्यायपालिका के आदेशों के बावजूद भी धर्म संविधान नीति नियमों के विरुद्ध नर्मदा में अवैध कार्य सुचारू रूप से जारी है। इसको लेकर नर्मदा मिशन ने हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने मई 2019 और जुलाई 2019 के स्पष्ट आदेशों के बावजूद भी नर्मदा नदी के उच्च बाढ़ स्तर ( एच.एफ.एल) से 300 मी में लगातार अवैध निर्माण,अतिक्रमण खनन, किया जा रहा है इतना ही नहीं नर्मदा जल में मिल रहे गंदे नालों, विषैले रसायनों से तेजी से नर्मदा दूषित हो रही है। नर्मदा जल संग्रहण हरित क्षेत्र बड़ी तीव्रता से खत्म होना, इसको लेकर शासन प्रशासन राज्य सरकार की उदासीनता भी सामने आई है। जिसके कारण दुःखित समर्थसद्गुरु भैयाजी सरकार ने नवरात्रि के प्रथम दिवस 17 अक्टूबर 2020 से अन्न आहार फलाहार का परित्याग कर नर्मदा जल पर सत्याग्रह विगत 256 दिनों से कर रहे है।

नर्मदा गौ सत्याग्रह का मुख्य उद्देश्य
1.मां नर्मदा तथा गोवंश को बचाने की निर्णायक मुहिम
2. मां नर्मदा में मिल रहे गंदे नालों विषैले रसायनों को बंद कराना
3.मां नर्मदा को जीवंत इकाई का दर्जा दिलाना
4. मां नर्मदा जल संग्रहण हरित क्षेत्र को पूर्णत: संरक्षित करना
5.मां नर्मदा तथा गौ माता के लिये समग्र नीति कानून बनवाने एवं योजनाओं नीति कानून को नर्मदा पथ में क्रियान्वित करने

बीते 265 दिनों से अन्न त्याग देने के करण भैया जी सरकार की तबीयत लगातार बिगड़ते जा रही थी। इलाज के लिए 2 दिन पहले उन्हें जबलपुर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां उनकी हालत में सुधार ना देखते हुए नागपुर उन्हें ले जाया गया है।


About Author

Harpreet Kaur

Other Latest News