जबलपुर, संदीप कुमार। 2 अक्टूबर को रजक महासंघ द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर नर्मदा तट ग्वारीघाट में जल सत्याग्रह किया गया। इस दौरान समाज के पदाधिकारियों ने नर्मदा नदी के बीच खड़े होकर पूरे दिन प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की।
रजक समाज की मांग है कि उन्हें मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति में शामिल किया जाए। अभी मध्य प्रदेश सरकार में प्रदेश के तीन जिलों भोपाल, सीहोर और रायसेन में रजक समाज को अनुसूचित जाति में शामिल किया है। बाकी शेष जिलों में उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी का दर्जा दिया है, और उनके मुताबिक ये उनके साथ नाइंसाफी है। इसीलिए रजक महासंघ के पदाधिकारियों ने नर्मदा नदी के बीच में खड़े होकर हाथों में बैनर लेकर राज्य शासन से मांग की है कि रजक समाज के साथ किए जा रहे भेदभाव को खत्म किया जाए और पूरे प्रदेश में उन्हें अनुसूचित जाति में घोषित कर गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाए।
पदाधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में कई बार राज्य शासन से लिखित रूप में भी मांग की गई लेकिन राज्य शासन ने उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया है। लेकिन अब रजक महासंघ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहा है और जब तक मांगे पूरी नहीं होगी तब तक इस तरह के आंदोलन और प्रदर्शन पूरे प्रदेश में एक साथ किए जाएंगे। पूरे दिन जल सत्याग्रह करने के बाद रजक महासंघ के पदाधिकारियों ने एसडीएम को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा और जल सत्याग्रह समाप्त किया।