नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले में HC की सख्ती, ग्वालियर हाई कोर्ट में चल रहे 40 मामले जबलपुर मुख्य बेंच ट्रांसफर करने के आदेश, पूरी जांच CBI को सौंपने की चेतावनी

Atul Saxena
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MP Nursing College Forgery Case : मप्र में हुए नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े की जांच कर रही हाई कोर्ट (MP HC) की मुख्य बेंच जबलपुर ने कड़ी नाराजगी जताई, चीफ जस्टिस रवि रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार के रवैये को देखते हुए अब पूरा मामला ही CBI को सौंपने पर विचार करेंगे, युगलपीठ ने ग्वालियर हाई कोर्ट में इससे सम्बंधित सभी 40 मामलों को भी जबलपुर मुख्य बेंच में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए। इस मामले में अगले  सप्ताह सुनवाई होगी

मप्र लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर सोमवार को मप्र हाई कोर्ट की मुख्य बेंच जबलपुर में सोमवार को सुनवाई हुई, चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की बेंच ने  याचिका पर सुनवाई की।

सरकार की तरफ से पेश हुई एक्शन टेकन रिपोर्ट 

सरकार की ओर से एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की गई , रिपोर्ट पेश करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता आशीष बर्नाड ने कोर्ट को बताया कि नर्सिंग कॉउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को दतिया ट्रांसफर करते हुए आरोप पत्र जारी कर दिया गया है, इनेक विरुद्ध आदेशित  विभागीय जांच 3 माह में समाप्त कर ली जाएगी, उन्होंने कोर्ट को बताया कि नर्सिंग काउंसिल में नियुक्त की गई नई रजिस्ट्रार स्टेला पीटर को भी पद से हटा कर वापस मूल पद वापस पर भेज दिया गया है।

नर्सिंग काउंसिल ने ने 19 कॉलेजों की मान्यता रद्द करने की जानकारी सौंपी  

उधर नर्सिंग काउंसिल की ओर से भी एक आवेदन पेश किया गया जिसमें कोर्ट को बताया गया कि फैकल्टी फर्जीवाड़े में वर्ष 2022-23 में मान्यता प्राप्त 19 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी गई है और जिन इंस्पेक्टर द्वारा कॉलेजों की भौतिक सत्यापन की गलत रिपोर्ट काउंसिल को सौंपी गई थी उनको नोटिस जारी किए गए हैं और उन पर कार्यवाही के लिए कमेटी का गठन किया गया है ।

कोर्ट नाराज, बोला पूरा मामला ही CBI को सौंपने पर विचार करेंगे 

नर्सिंग काउंसिल ने उनके द्वारा की अब तक की सभी कार्यवाही को आधार बनाकर कोर्ट से अनुरोध किया कि याचिका का निराकरण कर दिया जाए, लेकिन हाई कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल की इस मांग को ख़ारिज करते हुए कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कोई भी कदम संतोषजनक नहीं है, सरकार की ढुलमुल रवैये को देखते हुए अब हम पूरे मामले को ही CBI को सौंपने पर विचार करेंगे ।

ग्वालियर बेंच में चल रहे नर्सिंग फर्जीवाड़े से संबंधित 40 मामलों को जबलपुर ट्रांसफर करने के आदेश 

हालाँकि कोर्ट की सख्त टिप्पणी पर सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ग्वालियर हाई कोर्ट के आदेश पर पहले से ही सीबीआई प्रदेश भर के नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है, सरकार की इस दलील पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने आपत्ति व्यक्त करते हुए कोर्ट को बताया कि सीबीआई वर्तमान में मध्य प्रदेश के सिर्फ उन 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है जिन्हें वर्ष 2020-21 में मेडिकल यूनिवर्सिटी ने संबद्धता दी थी जबकि नर्सिंग काउंसिल द्वारा वर्ष 2020-21 में खोले गए 670 नर्सिंग कॉलेज में से 364 कॉलेजों के अलावा शेष कॉलेज अभी भी सीबीआई जांच के दायरे से बाहर हैं। इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ग्वालियर बेंच में चल रहे नर्सिंग फर्जीवाड़े से संबंधित 40 मामलों को जबलपुर ट्रांसफर करने के आदेश दिए, इस मामले की अगली सुनवाई अब 1 सप्ताह बाद की जाएगी ।

इन 19 कॉलेजों की मान्यता निरस्त

1. महाराणा प्रताप स्कूल आफ नर्सिंग,भोपाल
2. श्री रविंद्र नाथ टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, खंडवा
3.बीआईपीएस स्कूल ऑफ नर्सिंग, ग्वालियर
4.सर्व धर्म स्कूल ऑफ नर्सिंग, ग्वालियर
5.मधुबन स्कूल ऑफ नर्सिंग, इंदौर
6.पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, ग्वालियर
7.सैलाना कॉलेज ऑफ नर्सिंग, रतलाम
8.टेक्नोक्रेट्स स्कूल ऑफ नर्सिंग, भोपाल
9.टी डी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज,रीवा
10.जीएनएस नर्सिंग कॉलेज, दतिया
11.अभिषेक नर्सिंग कॉलेज, ग्वालियर
12.श्री स्वामीजी महाराज कॉलेज ऑफ नर्सिंग,दतिया
13.एनआरआई इंस्टीटयूट  ऑफ नर्सिंग, भोपाल
14.सुख सागर कॉलेज, जबलपुर
15.आर के नर्सिंग कॉलेज, दतिया
16.ज्ञान स्कूल ऑफ नर्सिंग, धार
17.इंदौर इंटरनेशनल कॉलेज, धार
18.जे बी इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग , ग्वालियर
19.वैष्णवी इंस्टीट्यूट, ग्वालियर

 जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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