जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में वन्य -प्राणी जीवों (wildlife) को सुरक्षा दी जा रही है, ताकि उनका अवैध व्यापार भी बंद हो। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने तेंदुए के अवैध व्यापार से जुड़े तीन आरोपियों को 3 साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही ₹10,000 फाइन भरने की सजा के आदेश को पारित किया है। दरअसल, करीब 2 साल पहले 4 जुलाई 2020 को टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने वन्य- प्राणी तेंदुए के अवैध व्यापार से जुड़े 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिनके पास तेंदुए की खाल समेत कई अवशेषों को भी जब्त किया गया था, करीब 44 अवशेष हड्डियाँ बरामद की गई थी।
यह भी पढ़े… Jabalpur News: जिला प्रशासन की बड़ी कार्यवाही, कृषि विश्वविद्यालय का प्रोफेसर निकला भूमाफिया
इस दौरान गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों ने जमानत की याचिका कोर्ट में दर्ज कराई थी, लेकिन इसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। और इनमें से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर दोषी करार करते हुए अब तक जेल में बंद रखा गया। करीब 18 महीने तक इस मामले की सुनवाई की गई, लेकिन अब जबलपुर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है और वन्य -जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 51(1) (Section 51(1) of the Wildlife Protection Act 1972) के तहत आरोपियों को दोषी करार करते हुए 3 साल की सजा सुनाई है।