MP Nursing College Scam : मध्यप्रदेश फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के मामले की सुनवाई मंगलवार को जबलपुर हाई कोर्ट में हुई। इस दौरान न्यायालय ने कहा कि अभी तक जितने भी कॉलेज की जांच करने के बाद उनको क्लीन चिट देते हुए सीबीआई ने सूटेबल बताया था, अब उन कॉलेजों की जांच भी नए सिरे से होगी। हाईकोर्ट ने आज इस मामले पर सुनवाई के दौरान सख्ती बरतते हुए यह भी कहा कि अब जब जांच होगी तो पूरी वीडियोग्राफी के साथ होगी। इस मामले में अगली सुनवाई 30 मई को होगी। जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की स्पेशल बेंच ने सुनवाई के दौरान यह भी निर्देश दिए है कि जांच में संबंधित जिले के न्यायिक मजिस्ट्रेट भी सीबीआई जांच के दौरान मौके पर शामिल रहेंगे।
क्या है पूरा मामला
याचिकाकर्ता ने बताया कि जांच के दौरान अभी तक CBI ने पहली रिपोर्ट में 169 नर्सिंग कॉलेजों को सूटेबल बताया था और क्लीन चिट दी थी। सीबीआई के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को हुई सुनवाई में सख़्ती करते हुए नए सिरे से सीबीआई को जांच के निर्देश दिए है।हाईकोर्ट ने कहा है कि जिन नर्सिंग कॉलेजों को सीबीआई ने अपनी जांच में क्लीन चिट देकर और सूटेबल बताया था और हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की थी उनकी नए सिरे से फिर जांच की जाएगी, साथ ही जांच टीम में बदलाव करने के आदेश भी न्यायालय ने दिए हैं। इसके अलावा पूरी जांच के दौरान संबंधित जिले के न्यायिक मजिस्ट्रेट भी मौके पर मौजूद रहेंगे तथा पूरी जांच की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। इस जांच के बाद जो रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपी जाएगी। उसकी एक प्रति याचिकाकर्ता को भी उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे कि वह इस पूरी जांच के तथ्यों का अपने पास उपलब्ध आंकड़ों से मिलान करने और उच्च न्यायालय में अपना मामला पेश करने की अनुमति मिलेगी।
नर्सिंग काउंसिल ने आज सुनवाई के दौरान एक आवेदन दायर कर हाईकोर्ट से सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मांगी इजिस पर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई और कहा कि सरकार ने जो नए नियम बनाए हैं वो आई.एन.सी. के मानकों के हिसाब से नहीं है अतः उनके अनुसार मान्यता प्रक्रिया नहीं की जानी चाहिए। याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इस पर साफ किया कि पुराने नियमों के मुताबिक ही मान्यता प्रक्रिया की जाएगी इस शर्त के आधार पर हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल को सत्र 2024-25 की कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है। खास बात यह है कि मंगलवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी जो कि संयुक्त निदेशक और डीआइजी स्तर के है, वो भी उपस्थित रहे।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट