अधिकारी-कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा नगर निगम, आखिर कैसे हो जनता के काम

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जबलपुर, संदीप कुमार। किसी भी संस्था में पदस्थ कर्मचारी उस विभाग की रीढ़ की हड्डी होती है और जब संस्था में कर्मचारी न हो तो न सिर्फ काम प्रभावित होता है बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था भी चौपट हो जाती है। ताजा मामला जबलपुर नगर निगम (nagar nigam) का है जो बीते कई माह से कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। आलम ये है कि कर्मचारी-अधिकारियों पर काम का बोझ बढ़ रहा है। हालांकि कर्मचारी संघ नही मानता है कि निगम में कहीं से भी कर्मचारियों की कमी नहीं है, वही नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष का कहना है कि कर्मचारियों की कमी को भरने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास भी कर रही है।

कर्मचारियों अधिकारियों की स्वीकृत संख्या
जबलपुर नगर निगम हाल के दिनों में कर्मचारियों-अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है, नगर निगम वर्तमान में आधे कर्मचारियों-अधिकारियों की दम पर निगम चला रहा है। हालांकि निगम में वैकल्पिक व्यवस्था के जरिये प्राइवेट लोगो से काम जरूर चलाया जा रहा है पर अधिकारी लगातार राज्य सरकार से भर्ती के लिए पत्राचार भी कर रहे है पर वहाँ से कोई जवाब नही मिल रहा है। नगर निगम में पदस्थ अपर कमिश्नर की मानें तो कर्मचारियों-अधिकारियों की कमी के चलते अतिरिक्त काम करना पड़ रहा है, अधिक मेहनत करनी पड़ रही है।अपर कमिश्नर के मुताबिक जहाँ कर्मचारियों को पांच काम करने होते थे वहीं अब दस काम करने पड़ रहे हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।