चोर की गला दबाकर हत्या, ह्त्यारा छुपाना चाहता था मृतक की पहचान

Gaurav Sharma
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Indore Crime News

जबलपुर, संदीप कुमार। कुंड़म थाना के अमहेरा गांव में 23 वर्षीय युवक की गला दबाकर हत्या कर दी गई, हत्या करने के बाद आरोपी ने मृतक की पहचान छुपाने के लिए उसके सिर पर पत्थर भी पटक दिया, जानकारी के मुताबिक मृतक का नाम रूप लाल बर्मन है जो कि पेशे से चोर था।

2019 में कुंड़म के कई गांव में की थी चोरी

कुंडम पुलिस के मुताबिक मृतक का नाम रूप लाल बर्मन है, जो कि मूलता जबलपुर कटंगी का रहने वाला था, मृतक पेशे से चोर था और उसने जबलपुर के कई इलाकों में चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। जानकारी यह भी मिली है कि जिस गांव में मृतक रूपलाल का शव मिला है, उस गांव से भी उसने कई मर्तबा बाइक चोरी की थी।

पुलिस ने परिजनों को दी सूचना

स्थानीय लोगों की सूचना के बाद मौके पर अमहेरा गाँव पहुंची कुंडम थाना पुलिस मृतक की शिनाख्त करने में जुट गई। मृतक के पास से मिले कुछ दस्तावेजों के आधार पर पाया गया कि उसका नाम रूपलाल है, जो कि कटंगी थाना के बंदरिया गांव का रहने वाला था, इस पते के आधार पर कुंडम थाना पुलिस ने परिजनों को पहचान के लिए सूचना दे दी है।

जबलपुर के कई थानों में चोरी के मामले दर्ज थे रूपलाल पर

कुंडम थाना पुलिस के मुताबिक रूपलाल बर्मन के खिलाफ जबलपुर के कुंडम थाना सहित कई थानों में वाहन चोरी के मामले दर्ज थे। 2019 में भी रूपलाल ने कुंडम के अमहेरा गांव से करीब 3 वाहनों को चोरी किया था। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

चोर की गला दबाकर हत्या, ह्त्यारा छुपाना चाहता था मृतक की पहचान


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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