गंगा की तर्ज पर अब नर्मदा का भी होगा कायाकल्प, DPR को लेकर हुई बैठक

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जबलपुर| गंगा को साफ करने का प्लान केन्द्र सरकार का पूरी तरह भले ही फेल हो गया हो पर अब केंद्र सरकार नए सिरे से नर्मदा को संरक्षण करने का प्लान बना रही है जिसके लिए डीपीआर(डेवलपमेंट प्रोजेक्ट रिपोर्ट)बनना भी शुरू हो गई है। नर्मदा संरक्षण को लेकर जबलपुर में आज एक अहम बैठक हुई जिसमें 23 विभाग के एचओडी शामिल हुए। हालांकि इस बैठक में संभाग कमिश्नर राजेश बहुगुणा ओर नगर निगम कमिश्नर चंद्रमौलि शुक्ला को भी शामिल होना था पर वो नही आये। जबलपुर के टीएफआरआई में करीब दो घन्टे तक चली बैठक में नानां जी देशमुख विश्विद्यालय, सर्वे ऑफ इंडिया, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड,कृषि विभाग, नर्मदा घाटी विकास प्रधिकरण सहित कई अन्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।नर्मदा संरक्षण को लेकर तैयार की जा रही डीपीआर 31 मार्च 2020 तक केंद्र सरकार को सौपनी है।

नर्मदा के उद्गम स्थल से लेकर उसके समुद्र में मिलने तक के सफर में नर्मदा चार राज्य छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से बहती है।चारो राज्यो में नर्मदा की हालत दयनीय है। नर्मदा ओर उसकी अन्य सहायक 13 नदियों को संरक्षण करने के लिए केन्द्र सरकार अब फिर से एक रिपोर्ट बना रही है।जिसको लेकर आज पहली बैठक जबलपुर के टीएफआरआई सेंटर में हुई।बैठक में शामिल हुए नानां जी देशमुख कॉलेज के कुलपति डॉ पीड़ी जुएल ने बताया कि नर्मदा को लेकर एक डीपीआर तैयार करनी है जिसमे केंद्र सरकार,राज्य सरकार के अधिकारी,वैज्ञानिक एवं वन विभाग के अधिकारी सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।पर्यावरण मंत्रालय द्वारा आयोजित की जा रही इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ये है कि कैसे नर्मदा के संरक्षण के साथ साथ उसको फिर से पूरी तरह शुद्ध किया जाए क्योंकि नर्मदा के साथ मनुष्य,पशु,जंगली जानवर भी है।जबलपुर से शुरू हुए नर्मदा संरक्षण की ये बैठक अन्य राज्यो में भी होना है।इस पूरे प्रोजेक्ट में कितना खर्च आएगा अभी इसका अनुमान नही लगया गया है।2020 मार्च तक पर्यावरण मंत्रालय को अंतिम रिपोर्ट सौपना हैं।नर्मदा में लगातार हो रहा प्रदूषण मनुष्य जानवरों सहित पर्यावरण के लिए भी नुकसान दायक है।नर्मदा को लेकर आज सम्पन्न हुई बैठक में सभी विभाग प्रमुख अधिकारियों ने अपना अपना मत दिया है।


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