जबलपुर, संदीप कुमार। नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Fake Remdesivir Injection) में फंसे आरोपी सरबजीत सिंह मोखा (Sarabjit Singh Mokha) पर हत्या का केस दर्ज करने की याचिका मामले पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने निराकरण कर दिया है। दरअसल नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन से हुई मौत के मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा पर हत्या का केस दर्ज किये जाने के मामले में हाई कोर्ट से राहत मांगी गई थी। जस्टिस विशाल धगत की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा है कि धारा 302 का अपराध इस मामले में जरूर बनता है पर यह निर्णय जांच अधिकारी को लेना है।
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नकली रेमडेसिवीर मामले में सचिन राय की ओर से हाईकोर्ट में याचिक दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि नरसिंहपुर निवासी राजेंद्र राय को 10 अप्रैल 2021 को सिटी हॉस्पिटल जबलपुर में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। इसके बाद उन्हें अलग-अलग तारीख पर रेमडेसिवीर इंजेक्शन लगाए गए थे। जो इनफील्ट्रेटेड नकली थे, इसके बाद 3 मई 2021 को राजेंद्र राय की मौत हो गई थी। याचिकाकर्ता ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन से संबंधित सभी बिल और दस्तावेज याचिका में प्रस्तुत किए थे। जिसका परीक्षण करने के बाद हाई कोर्ट ने निर्देश जारी किया है, कि धारा 302 का अपराध इस मामले में बनता तो है पर यह निर्णय करने का अधिकार जांच अधिकारी का होगा।
हाई कोर्ट ने जांच अधिकारी को निर्देशित किया है कि वह याचिकाकर्ता के आवेदन की विवेचना करे और आरोप सिद्ध होता है, तो वह उसमें उचित कार्रवाई कर सकते हैं। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा है कि यदि याचिकाकर्ता जांच अधिकारी की विवेचना एवं निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो वह अपना आवेदन उचित न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से न्यायालय के समक्ष क्रिमिनल परिवाद दायर कर सकता है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता यश सोनी ने पक्ष रखा था।