जबलपुर| जब जनता के रक्षक ही जनता के भक्षक बन जाए तो जनता को कैसे न्याय मिले और वह किस पर भरोसा करें| दरअसल मध्य प्रदेश पुलिस सदैव आपके साथ का नारा बुलंद करने वाली जबलपुर पुलिस के क्राइम ब्रांच में पदस्थ एक पुलिस वाले के कारनामे ने न केवल जबलपुर में मध्य प्रदेश पुलिस की वर्दी पर दाग लगाने का काम किया है| बल्कि हरियाणा जैसे प्रदेश में भी मध्य प्रदेश पुलिस की किरकिरी भी कराने से नहीं चूका है|
दरअसल जबलपुर क्राइम ब्रांच में पदस्थ अजय द्विवेदी ने हरियाणा के एक पशु व्यापारी सूरजमल से करीब 85 लाख रुपए की भैंसें खरीदीं, जिसके एवज में क्राइम ब्रांच में पदस्थ अजय द्विवेदी ने हरियाणा के पशु व्यापारी को 20 लाख रूपये नगद की एक क़िस्त दे दी..और बाकी बची हुई रकम के बदले क्राइम ब्रांच में पदस्थ अजय द्विवेदी ने अपने बेटे विजेंद्र द्विवेदी के अकाउंट के 9 चेक पीड़ित व्यापारी को थमा दिए..जिसके बाद हरियाणा के व्यापारी ने 20 सितम्बर, 20 अक्टूबर और 27 नवम्बर को हरियाणा के पंजाब नेशनल बैंक के अपने खाते में जमा किए तो चेक बाउंस हो गए…जिसकी शिकायत करने पर क्राइम ब्रांच में पदस्थ अजय द्विवेदी पहले तो कुछ महीनों तक हरियाणा के पशु व्यापारी को बहाने बनाकर लटकाता रहा..लेकिन उसके बाद अजय द्विवेदी पशु व्यापारी को क्राइम ब्रांच की धौंस दिखा उसे अफ़ीम,गांजे के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने लगा..जिसके बाद पशु व्यापारी सूरजमल हरियाणा से भैंस बेचने वाले किसानो के साथ जबलपुर एसपी के दफ्तर पहुंचा..और अपनी आप बीती जबलपुर पुलिस के कप्तान को बताई..हरियाणा के व्यापारी की व्यथा और अपने कर्मचारी की करतूत सुनते ही जबलपुर पुलिस अधीक्षक अमित सिंह का माथा ठनक गया..जिसके बाद अमित सिंह ने जबलपुर के विजय नगर में रहने वाले क्राइम ब्रांच में पदस्थ अजय दिवेदी को फौरन अपने दफ्तर में हाजिर होने के आदेश दिए…लेकिन पुलिस कप्तान के पास हरियाणा के व्यापारी द्वारा की गई शिकायत की भनक लगते ही क्राइम ब्रांच में पदस्थ अजय दिवेदी अपने अधिकारी के आदेश के बाद भी नहीं पहुंचा..तो एसपी अमित सिंह ने अजय दिवेदी को सस्पेंड करते हुए दोनों पिता पुत्र के ऊपर आगे की कार्यवाही के निर्देश दिए है..।