कोर्ट के आदेश को हल्के में लेना टीआई पर पड़ा भारी

Madhya Pradesh highcourt

जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। केस डायरी कोर्ट मे पेश ना करना टीआई को भारी पड़ गया, डायरी पेश ना करने का कारण बताना भी टीआई के लिए मुसीबत बन गया, दरअसल टीआई ने कोर्ट में कहा की वह कार्यक्रमों में व्यस्त थे इस वजह से डायरी पेश करने में देरी हो गई, मगर कोर्ट ने इसे भी गंभीरता से लेते जांच के आदेश दे दिए, कोर्ट ने डायरी प्रस्तुत करने के स्थान पर बहानेबाजी करने वाले एसएचओ के खिलाफ हाई कोर्ट ने जांच के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने एसएचओ के व्यस्तता के कारण केस डायरी प्रस्तुत न कर पाने वाले स्पष्टीकरण को आड़े हाथों लेते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार किए जाने की व्यवस्था दे दी है।

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दरअसल सीधी जिलांतर्गत चुरहट निवासी सुखेंद्र चतुर्वेदी पर 2008 में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था। इसी मामले में अग्रिम जमानत के लिए सुखेंद्र की ओर से अधिवक्ता जय शुक्ला ने यह आवेदन पेश किया था। सुनवाई के दौरान बार बार आदेश के बावजूद चुरहट टीआई ने केस डायरी पेश नही की। इस पर कोर्ट ने टीआई से हलफनामे पर स्पष्टीकरण देने को कहा। हलफनामे में टीआई ने कहा कि कई कार्यक्रम में व्यस्त रहने के करण केस डायरी प्रस्तुत करना भूल गए। अधिकारी द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण हाई कोर्ट को अच्छा नहीं लगा। हाई कोर्ट ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक, सीधी द्वारा जांच की जाए और इस आदेश के पारित होने की तारीख से तीस दिनों के भीतर इस न्यायालय के महापंजीयक को सूचित करते हुए थाना प्रभारी चुरहट, जिला सीधी के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। इस निर्देश के साथ हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत की अर्जी भी निरस्त कर दी।


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Harpreet Kaur