जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (Jabalpur) में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) करने में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। जहां प्यून की योग्यता रखने वाले आवेदकों को सहायक शिक्षक विज्ञान बना दिया गया। यही नहीं उन्हें सहायक शिक्षक का पद वेतन भी दिया गया। मामला उजागर होने के बाद डीईओ ऑफिस के कर्ताधर्ता अब आवेदकों के पास पहुंचकर उनसे लिखित में लेने की जुगत में है कि उनकी यह नियुक्ति भूलवश हुई है। जबलपुर शिक्षा विभाग में हुई गड़बड़ी के कारण शासन को 70 हजार रूपए का चूना लगा है। अब सवाल ये उठता है कि यह राशि किससे वसूली जाएगी। क्योंकि जिन आवेदकों को पैसा मिला वह राशि लौटाने तैयार नहीं है।
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दरअसल सहायक शिक्षक विज्ञान पद के शिक्षक का वेतन शासन द्वारा निर्धारित 17 हजार 710 है। इस प्रकार से एक सहायक शिक्षक को 5 माह में 88 हजार 550 रूपए भुगतान किया गया। वहीं एक प्यून का वेतन शासन द्वारा निर्धारित 10 हजार 850 है मतलब 5 माह में एक आवेदक को 54 हजार 250 मिलने होते है। परंतु डीईओ ऑफिस में अनुकंपा नियुक्ति गड़बड़ी करते हुए प्यून को सहायक शिक्षक विज्ञान का वेतन दिया गया जो वित्तीय अनियमिताएं है।
शराब कांड में फंसे बाबू देख रहे अनुकंपा का काम
सूत्रों का कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सारा कामकाज उन बाबुओं के भरोसे है जो गंभीर प्रकरणों में फंसे हुए हैं। मालूम हो कि कुछ समय पूर्व संभागीय संयुक्त लोक शिक्षण कार्यालय में शराब कांड हुआ था जिसमें कार्यालय के कर्मचारी सहित अधिकारियों पर कार्रवाई हुई थी। इसी कांड में फंसे एक बाबू को उपकृत करते हुए डीईओ ऑफिस में अनुकंपा नियुक्ति का कार्य सौंपे दिया गया।
गलती हुई तो आवेदिका को परेशान कर रहे कर्मचारी
बताया जा रहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी और उनके कर्मचारियों से अनुकंपा नियुक्ति के इस प्रकरण में बड़ी गलती हो गई अब उसे सुधारने के लिए कार्यालय के कर्मचारी आवेदिका के घर पहुंचकर लिखित में लेना चाहते हैं कि जो अनुकंपा नियुक्ति हुई वह गलत है।