जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। बहुचर्चित जीसीएफ चार्जमेंन खटुआ हत्याकांड मामले में नया मोड़ आ गया है, मृतक शारदा चरण खटुआ की पत्नी मौसमी खटुआ ने प्रकरण की जांच कर रहे एएसपी डॉ संजय अग्रवाल, सीएसपी रांझी एमपी प्रजापति और एसआईटी में शामिल एसआई रविन्द्र कुमार सिंह पर धमकाने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।
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गौरतलब है चर्चित मामला आयुध निर्माणी से जुड़ा हुआ था, जिसमें जीसीएफ द्वारा निर्मित धनुष आर्टलरी गन 155 एमएम में उपयोग होने वाले वायरलैस रोलिंग बैरिंग का ठेका दिल्ली की सिद्धी सेल्स कंपनी को दिया गया था। कंपनी ने चाइना मेड में, मेड इन जर्मन की सील लगाकर बैरिंग की सप्लाई कर दी थी। मामले की सीबीआई जांच के आदेश हुए थे और जांच के दौरान जीसीएफ में जेडब्ल्यूएम रहे शारदा चरण खटुआ से भी पूछताछ हुई थी। 10 जनवरी 2019 को सीबीआई ने उसके घर रेड डाला। टीम कम्प्यूटर की हार्डडिस्क व मोबाइल जब्त कर ले गई थी। इस मामलें में उस वक़्त नया मोड़ आ गया जब 17 जनवरी को शारदा चरण खटुआ को दिल्ली बुलाया था, पर वे जा नहीं पाए। 17 की सुबह शारदा चरण खटुआ घर से निकले और कृपाल चौक तक गए। इसके बाद वह गायब हो गए। CCTV में सुबह नौ से 10 के बीच में वह लौटते दिखे थे। घमापुर थाने में गुमशुदगी दर्ज हुई थी। 22 दिन बाद 5 फरवरी 2019 को खटुआ की खून से लथपथ लाश पाटबाबा के पीछे मिली थी। मामले में एसआईटी गठित हुई, पर अब तक खुलासा नहीं हुआ। पत्नी मौसमी खटुआ सीबीआई जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट में केस लगा रखा है।
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अब इस मामले में शारदा चरण खटुआ की पत्नी मौसमी ने आरोप लगाया कि उसने हाईकोर्ट में केस सीबीआई के पास भेजने की याचिका लगाई है। अब पुलिस अधिकारी उस पर हाईकोर्ट से केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। पति की हत्या के लिए उसने जो भी नाम एसआईटी को बताया कि उसमें एक को भी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। एसआईटी अब उनके पति की हत्या को सुसाइड साबित करने में जुटी है। 13 जनवरी को हाईकोर्ट में होने वाली इस सुनवाई में एसपी को पेश होना है। मौसमी ने आरोप लगाया है कि एएसपी संजय अग्रवाल कुछ दिन पहले उसके घर पहुंचे थे। उन्होंने सादे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा, जिससे केस को ड्रा किया जा सके। लें मौसमी ने अपने भाई से बातचीत के बाद हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। इस मामलें में जबलपुर आईजी उमेश जोगा का कहना है कि मौसमी खटुआ द्वारा एस आई टी पर दवाब बनाने की शिकायत मिली है, जिसके बाद उनको आश्वासन दिया गया है, कि इसी तरह का दवाब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।