जबलपुर।संदीप कुमार।
मध्य रेल जोन कार्यालय में पदस्थ सीपीआरओ और मंडल वाढिज्य विभाग ने मीडिया के लोगों से मिलने पर रेलकर्मियों पर रोक लगाई है। उनका कहना है कि मिलोगे तो खैर नहीं।इस मुँह जवानी आदेश से रेलकर्मी भारी दहशत में है।
दरसअल पमरे जोन और जबलपुर रेल मंडल में किस तरह से कार्य चल रहे है किस विभाग में भ्रष्टाचार है,ट्रांसफर करने,रुकवाने, मनपसंद जगह पर पदस्थ करने,कार्य में लापरवाही करने,ठेके में कमीशन खाने,रेल संरक्षा,सुरक्षा,यात्री व्यवस्था,समस्या,निर्माण कार्य की गुडवत्ता आदि को लेकर रोजाना प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पोल खुल रही है जिससे पमरे जीएम और डीआरएम खासे नाराज है। खुद को ईमानदार और पाक साफ करने में लगे रेल अधिकारी खबर प्रकाशित होने के बाद उसमें संज्ञान नहीं ले रहे है बल्कि दोषी और भ्रष्टाचारियो को बचाने में लगे है।सूत्र बताते है कि सीपीआरओ और मंडल वाढिज्य विभाग अधिकारियों ने अपने अधीनस्थ रेलकर्मियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कोई भी कर्मी मीडिया वालों से ना मिलेगा और ना ही बात करेगा।
पोजिटिव खबर ही जाती है जी.एम के पास….
सूत्र बताते है कि मीडिया में प्रकाशित हो रही निगेटिव खबरों को अधिकारियों तक नही पहुँचाया जाता है जबकि पोजिटिव खबरों की ही वीडियो लिंक या फिर अखबारों की कटिंग कर फाइल भेजी जा रही है। इसके लिए सीपीआरओ और मंडल वाढिज्य विभाग ने अधीनस्थ रेल कर्मियों को मौखिक आदेश भी दे रखा है।जानकारी के मुताबिक सीपीआरओ और जबलपुर मंडल के अधिकारी नहीं चाहते कि पमरे के खिलाफ निगेटिव खबर कहीं भी प्रकाशित हो सिर्फ पोजिटिव खबर ही छपना चाहिए।बहरहाल रेल अधिकारियों के मोखिक आदेश के बाद से रेल्वे कर्मचारियों ने मीडियाकर्मियों से दूरी बना रखी है।इतना ही नही मोबाइल से भी अब कर्मचारी बात करने में कतराने लगे है।