पुलवामा हमले के बाद झाबुआ किसानों का बड़ा फैसला -टमाटर पाकिस्तान भेजने से किया इंकार

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झाबुआ।

पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के प्रति गुस्सा है। मोदी सरकार के MFN का दर्जा खत्म करने और हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस लेने के बाद मध्यप्रदेश के किसानों ने भी बड़ा फैसला लिया है। झाबुआ के किसानो ने पाकिस्तान को टमाटर भेजने से इंकार कर दिया है। किसानों का कहना है कि पाकिस्तान हमारे जवानों को यूं बेहरमी से मार रहा है, इसलिए हमें भी ईंट का जवाब पत्थर से देना होगा और हम पाकिस्तान को टमाटर भेजने पर बैन लगाते है,चाहे हमें इससे कितना ही नुकसान क्यों ना हो।इसकी साथ ही किसानों ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि रावी और सिंधु नदी का जो पानी पाकिस्तान जा रहा है उसे भी रोक दिया जाए, ताकी पाकिस्तान को अपना स्तर पता चल सके कि वो भारत के बिना क्या है।

दरअसल झाबुआ जिले की पेटलावद तहसील मे टमाटर बहुतायत मे एक्सपोट॔ क्वालिटी का होता है जिसकी पाकिस्तान मे बहुत मांग है और इस टमाटर निर्यात के चलते टमाटर उत्पादक किसानो को तगड़ा मुनाफा भी होता है लेकिन किसान अब मुनाफे की बजाय देश ओर सेना की बात कर ” जय जवान – जय किसान ” की बात कर रहे है । इन टमाटर उत्पादक किसानो मे पुलवामा मे शहीद जवानों के शव देखकर गुस्सा तो इतना है कि वह खुद सरकार से मांग कर रहे है कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाये ओर जरुरत पडे तो वह खुद पाकिस्तान को सबक सिखाने को तैयार है । किसानों का कहना है कि चाहे तो सरकार उनके सीने पर बम बांधकर पाकिस्तान के क्षेत्र में भेज दे, ताकी वो पाकिस्तान के मंसूबों को नाकामयबा कर सके।

गौरतलब है कि जिले में टमाटर की 75 प्रतिशत खेती पेटलावद व रायपुरिया क्षेत्र में होती है। यहां प्रति बीघा 600 से 8 00 कैरेट का उत्पादन होता है। यदि पानी का माध्यम पर्याप्त है तो उत्पादन 1000 से 1200 कैरेट तक तक भी पहुंचा जाता है। यहां का टमाटर 50 ग्राम से लेकर 150 ग्राम तक वजनी होती है। पूरे सीजन में प्रति बीघा टमाटर उत्पादन में 50 से 75 हजार रुपए तक का खर्चा आता है। इसमें दवाई, मजदूरी, बीज, तार, बांस, सुतली, खाद, कैरेट, परिवहन आदि शामिल हैं। झाबुआ जिले से रतलाम, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान की मंडी तक टमाटर जाता है। 


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