ग्वालियर, अतुल सक्सेना। जीवाजी विश्वविद्यालय JU में कर्मचारियों द्वारा उनकी ऑफिशियल यूजर आईडी पर अश्लील प्रतिबंधित वीडियो देखने का मामला पकड़ में आने के बाद JU प्रबंधन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिन यूजर आईडी से ये अश्लील वीडियो देखीं जा रही थीं उन्हें इस्तेमाल करने वाले पांच कर्मचारियों की JU ने बर्खास्त कर दिया है खास बात ये है कि इसमें दो महिला और एक अतिथि शिक्षक शामिल है। इस मामले में एक स्थाई कर्मचारी का नाम भी आया है जिसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जीवाजी विश्वविद्यालय JU यानि शिक्षा का वो मंदिर जिसमें स्टूडेंट्स शिक्षा लेने आते हैं वहां के कुछ कर्मचारियों की हरकत ने इसे बदनाम करने की कोशिश की, लेकिन मामला सामने आने के बाद तत्काल कुलपति श्रीमती संगीता शुक्ला ने एक्शन लेते हुए बहुत बड़ी कार्रवाई की। शर्म की बात ये है कि जिन यूजर आईडी से अश्लील सामग्री देखी गई या डाउनलोड की गई उसे उपयोग करने वालों में युवा कर्मचारियों के अलावा रिटायरमेंट के नजदीक पहुँच चुके कर्मचारी और कुछ महिलाओं के नाम भी शामिल बताये गए हैं। JU प्रबंधन ने तत्काल यूजर आईडी ब्लॉक की, नोटिस जारी किये और जवाब तलब किये जिसके बाद बहुत से कर्मचारियों ने जवाब दिया कि वे दूसरी साइट सर्च कर रहे थे लेकिन खुल पोर्न साइट रही थी।
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JU के जनसम्पर्क अधिकारी केशव सिंह गुर्जर ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि मामले की जाँच के लिए बनी समिति ने निष्कर्ष निकाल कर JU को सर्विस प्रदान करने सर्विस प्रोवाइडर के चार कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है इनमें दो पुरुष और दो महिला कर्मचारियों के नाम शामिल हैं। जाँच में एक अतिथि शिक्षक का नाम भी सामने आया उसे भी नौकरी से हटा दिया गया जबकि एक स्थाई कर्मचारी दोषी पाया गया उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
गौरतलब है कि जीवाजी विश्वविद्यालय के तीन विभागों अकादमिक शाखा, यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट शाखा और इन्वायरमेंट साइंस शाखा के 8 यूजर आईडी से एक सप्ताह में 1256 मिनट यानि लगभग 21 घंटे अश्लील पोर्न वीडियो देखे जाने की बात का खुलासा हुआ था। मतलब साफ़ है कि इन आठ यूजर आईडी से प्रतिदिन लगभग तीन घंटे कर्मचारियों ने पोर्न वीडियो देखी या डाउनलोड की। इसका खुलासा किया नेशनल नॉलेज नेटवर्क ने। उसने JU प्रबंधन को इसकी जानकारी दी उसके बाद सभी आठ यूज़र आईडी ब्लॉक कर दी गई। दरअसल नेशनल नॉलेज नेटवर्क में सिक्योरिटी फायरबॉल लगी है जिससे पता चल जाता है कि किस आईडी से प्रतिबंधित वेबसाइट देखी गई है।
उधर JU प्रबंधन की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर में चर्चा चल रही है कि अपने कर्मचारियों को बचाते हुए गाज सर्विस प्रोवाइडर के कर्मचारियों पर गिराई है। उधर JU ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर चार सर्विस प्रोवाइडरों कपिल सेन, अनुराग शर्मा सहित दो महिला कर्मचारी और अतिथि शिक्षक हीरेन्द्र को नौकरी से हटाने और एक स्थाई कर्मचारी रिशेष रजक को कारण बताओ नोटिस जारी करने की पुष्टि की है। इसके साथ ही JU ने प्रेस विज्ञप्ति में ये भी कहा है कि उक्त कर्मचारियों द्वारा प्रतिबंधित साइट देखने का प्रयास किया गया था लेकिन फायरबॉल होने के कारण ये साइट खुल नहीं सकीं।