जीआरपी ने दिखाई सतर्कता, वक्त रहते टाली ये घटना

Gaurav Sharma
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खंडवा, सुशील विधाणी। जिले से आज एक मामला सामने आया है जिसमें जीआरपी ने एक नाबालिग लड़की को समय रहते गंभीर घटना के शिकार होने से बचा लिया। दरअसल, बालिग खंडवा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर घूम रही थी। जहां आरक्षक नंदनी तवर ने बालिका को देखकर उससे पूछताछ की । जिसके बाद महिला आरक्षक ने तुरंत थाना प्रभारी को अवगत कराया। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी बबीता कठेरिया तुरंत रेलवे स्टेशन पहुंची और बच्ची को थाने ले आई।

थाना प्रभारी द्वारा प्यार से बच्ची से बातचीत की गई, जहां बच्ची द्वारा बताया गया कि वह पंजाब कॉलोनी, खंडवा की रहने वाली हैं। उसने बताया कि उसका अपनी बहन से झगड़ा हो गया था । जिस से आहत होकर घर में वह घरवालों को बिना बताए, खंडवा रेलवे स्टेशन आई थी। नाबालिग बच्ची ने बताया कि वह किसी भी ट्रेन मैं बैठ कर कही भी चली जाती। थाना प्रभारी ने बच्ची की परिजन को पूरे मामले की सूचना दी, जिसके बाद मौके पर पहुंचे परिजनों को बच्ची सुपुर्द कर दी गई। उपरोक्त कार्रवाई में थाना प्रभारी बबीता कठेरिया, आरक्षक 510 योगेश दीक्षित, महिला आरक्षक 315 नंदनी तंवर मौजूद रहे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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