खंडवा, सुशील विधानी। तीन तलाक (teen talaq) पर सख्त कानून बनने के बाद भी देश में कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही वाकया मध्य प्रदेश के खंडवा जिले का है, जिसमें पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। यहां पति ने तीन तलाक देकर नवजात बच्चे समेत महिला को घर से बाहर निकाल दिया। पति के अत्याचार से तंग पीड़िता ने आखिरकार कानून का दरवाजा खटखटाया और न्याय की गुहार लगायी।
पीड़िता गुलनार सिद्धिकी ने बताया कि उसका विवाह झांसी में अजहर नामक युवक से हुआ था। विवाह के बाद से ही अजहर, उनका परिवार और रिश्तेदार उसे दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित करते रहे। गुलनार के घरवालों ने पहले 1 लाख रूपये दिए फिर बाद में 50 हजार रूपये और दिए लेकिन फिर भी ससुराल वालों का दबाव कम नहीं हुआ। बार-बार पैसा मांगने पर जब पीड़िता के मायके वाले उनकी डिमांड पूरी नहीं कर पाए तो लॉकडाउन के समय उसका पति उसे बेसहारा छोड़कर चला गया। इसके बाद पति के परिवार और रिश्तेदार ने उसे काफी परेशान किया। इसके बाद 28 मई को गुलनार का भाई और मां उसे झांसी से को खंडवा ले आए। मामला जब महिला परामर्श केंद्र पहुंचा तो अजहर ने कहा कि उसे खुदा को मुंह दिखाना है इसलिए तीन तलाक दे दिया।
गुलानर और अजहर की शादी 14 अप्रैल 2012 में हुई थी। इनका एक बेटा और एक बेटी है। गुलनार का कहना है कि उसने रिश्ते को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन अजहर की प्रताड़ना और अब कानून के खिलाफ जाकर तीन तलाक देने के कारण उसे पुलिस में जाना पड़ रहा है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़िता की शिकायत के आधार पर पति के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैं। पुलिस का कहना हैं कि मामले में केस दर्ज कर विवेचना की जा रही हैं जो तथ्य निकलकर सामने आएंगे उसके आधार पर कार्यवाई की जाएगी। सिटी कोतवाली थाना प्रभारी बनवारी मंडलोई के अनुसार, शनिवार देर रात मामला दर्ज करने के साथ पीड़ित महिला के पति अजहर को मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकार संरक्षण) कानून और आईपीसी की कई धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है। महिला का आरोप है कि इस साल लॉकडाउन के समय मुझे घर बच्चों सहित पति छोड़ कर चले गए थे और अब तीन बार तलाक तलाक बोलकर तलाक दे दिया। मामले में पति की गिरफ्तारी हो चुकी है।