खंडवा।
प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, कई जगह बाढ जैसे हालात बन गए है, इसमें सबसे ज्यादा असर खंडवा में देखने को मिल रहा है, जहां रविवार को नदियां खतरे के निशान से ऊपर बही और पुल-सड़के बह गई वही सोमवार कोएक कन्या आदिवासी हॉस्टल के दो मंजिला तक पानी भर गया और करीब 150 छात्राएं अंदर फंस गई और जान बचाने छत पर चली गई।
सूचना मिलती ही प्रशासन का अमला मौके पर पहुंचा और करीब तीन घंटे का रेस्क्यू कर छात्राओं की जान बचाई।बताया जा रहा है कि छात्रावास दोनों तरफ से नदियों से घिरा है। यहां रविवार-सोमवार को हुई लगातार बारिश के चलते पानी का लेवल बढ गया और हालात बाढ़ जैसे हो गए। किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिल पाया। यहां पानी ने सबसे पहले 6 फीट ऊंची पक्की बाउंड्रीवाल धराशायी की और तेजी से हॉस्टल में जा घुसा।घबराई हुईं बच्चियों ने अपना सामान कमरों में ही छोड़ तुरंत छत पर जाकर अपनी जान बचाई। यहां आधी बिल्डिंग पानी में डूबी रही। छात्राओं का सारा सामान, कपड़े, कॉपी-किताब, उनके पेटियां सब कुछ बाढ़ में बह गए। करीब 3 घंटे तक हॉस्टल की छत पर बारिश में भीगते हुए छात्राएं मदद की गुहार करती रहीं। वे तब ही यहां से निकल सकीं, जब बाढ़ का पानी उतरने लगा।
आदिवासी हॉस्टल की छात्रा छाया चौहान ने बताया कि हमारे हॉस्टल में नदी का पानी भरने लगा था। हमारे कमरों में भी पानी आ गया। हम जान बचाकर छत पर भागे। पहली मंजिल डूब गई थी। लड़कियों का सामान, पेटियां और कपड़े सब कुछ बाढ़ में बह गया। हमें यहां के कर्मचारियों ने सुरक्षित बाहर निकाला।वही अगले चौबीस घंटे भारी बारिश को देखते हुए खंडवा में जिला प्रशासन ने 30 जुलाई को स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है।