खंडवा, सुशील विधानी
खंडवा के एक प्रोफेसर को फेसबुक पर टिप्पणी करना महंगा पड़ गया। रामायण, महाभारत और अंबेडकर को लेकर उन्होने एक टिप्पणी की थी जिसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
दरअसल कॉलेज प्रोफेसर द्वारा कुछ महीनों पूर्व जब कोरोना महामारी व लॉकडाउन के कारण देश के सभी शैक्षणिक संस्थान बन्द थे तब 30 मार्च को एक फेसबुक पर एक टिप्पणी की गई थी। परिषद का आरोप है कि महाविद्यालय के शासकीय शिक्षक तुलसीराम ब्राह्मणे द्वारा फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की गई जिसमें रामायण व महाभारत पर अभद्र व निंदनीय टिप्पणी की। पोस्ट में लिखा था कि रामायण पढ़ोगे तो पत्नी पर शक करना सीखोगे व महाभारत पढ़ोगे तो भाई के साथ झगड़ा करना सीखोगे। इस पोस्ट पर परिषद ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि इस प्रकार की धर्म विरोधी विचारों को फेसबुक जैसे एक बड़े प्लेटफार्म पर हम जैसे कई विद्यार्थियों समाज तोड़ने नही अपितु जोड़ने का कार्य करते है । लेकिन इनके द्वारा तोड़ने का कार्य किया गया है। जिसके विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया था लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंगलवार को शासकीय नीलकंठेश्वर कॉलेज में एबीवीपी के विद्यार्थियों द्वारा जमकर नारेबाजी कर प्रोफेसर के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की साथ ही विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने ज्ञापन भी दिया विद्यार्थी परिषद के शुभम तावड़े हर्ष वर्मा ने उच्च शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तुलसीराम ब्राह्मणे के निलंबन व प्रवेश प्रक्रिया के दौरान उन्हें हटाने की मांग की है।