खंडवा। सुशील विधानि।
खंडवा में बिना इंजन के मालगाड़ी के डिब्बे पटरी पर दौड़ते नजर आए। शुक्र है कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। ये डिब्बे मथेला रेलवे स्टेशन पर एक मालगाड़ी से टकरा कर रुक गए। रेलवे का कोई भी अधिकारी इस मामले पर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन रतलाम मंडल ने इसकी जांच शुरू की है।
इसे एक राहगीर ने अपने वीडियो में कैदकर दिखाया है, आप जो देख रहे हैं यह मालगाड़ी के डिब्बे नहीं बल्कि रेलवे ट्रैक पर गिट्टी बिछाने वाले बैलास्ट हार्पर की बोगियां हैं । यह मथेला स्टेशन से लगभग 1 किलोमीटर दूर निर्माणधीन ट्रेक पर बिना इंजन के खड़ी थी । न जाने कैसे ये डिब्बे उल्टी दिशा में दौड़ने लगे।इनमें कोई लॉकिंग नहीं थी शायद हवा के दबाव में चल दिए।
दरअसल, मथेला से निमाड़ खेड़ी तक कोयला लाने के लिए एक ट्रैक तैयार किया जा रहा है। यह हार्पर इसी ट्रैक पर गिट्टी बिछाने का काम कर रहा था। यह कोयला खरगोन जिले के सेल्दा थर्मल पावर प्लांट के लिए भेजा जाना है। बिना इंजन की रेल मथेला से निमाड़ खेड़ी लगभग 5 किलोमीटर बिनाइन जिनके दौड़ती नजर आई
रेलवे की इस लापरवाही से बड़ा हादसा भी हो सकता था। दुर्घटना के बाद जिम्मेदार पल्ला झाड़ते नजर आए। घटनास्थल पर रेलवे सीमा होने के कारण भोपाल और रतलाम मंडल के अधिकारी इसे एक-दूसरे की गलती बता रहे हैं। दरअसल मथेला स्टेशन भोपाल मंडल का हिस्सा है और जो ट्रैक बन रहा है रतलाम मंडल के अंतर्गत आता है।
यह घटना सोमवार की है लेकिन वीडियो अब सामने आया। पहले तो अधिकारी एक दूसरे पर ढोलते रहे लेकिन अब रतलाम मंडल में इसकी जांच शुरू की है। भोपाल मंडल के अधिकारी भी अपने स्तर पर इसकी जांच कर रहे हैं । इन सबके बावजूद कोई भी रेलवे का अधिकारी इस मामले पर मीडिया के सामने कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।
एक सप्ताह पहले चीफ सेल्टी कमीश्नर ने दौरा किया था। अब इस ट्रैक पर कोयले की मालगाड़ी का संचालन शुरू होना है। इसके बावजूद ऐसे लापरवाही सामने आई है। अब इस ट्रेन को जंजीर से बांधकर रखा गया है ताकि यह बेलगाम होकर भागे नहीं।