ओंकारेश्वर, सुशील विधानी| ओंकारेश्वर बांध की मुख्य नहर ओंकारेश्वर से निकलने के बाद ग्राम कोठी भोंगावा मोरटक्का होते हुए कई गांव से होकर गुजरती है। इस मुख्य नहर का निर्माण और देखरेख का जिम्मा नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण विभाग का है। वर्ष 2007 में नहर के शुरुआत होने के बाद से विभिन्न मुख्य सड़कों पर होने वाली क्रॉसिंग पर ठीक तरह से गति अवरोधक और मजबूत वेरीकेटिंग ना बनाए जाने से सैकड़ों लोगों की जान अभी तक जा चुकी है। नहर में वाहन गिरने का ताजा मामला शुक्रवार देर रात्री में देखने को मिला|
ओमकारेश्वर निवासी 32 वर्षीय अभिषेक चतुर्वेदी उर्फ चिंटू अपनी पत्नी और एक 13 वर्षीय अन्य सहायक लड़के के साथ शुक्रवार रात्रि 9:00 बजे सनावद स्थित अस्पताल से पत्नी के उपचार के पश्चात ओमकारेश्वर की और आते समय ग्राम भोगांव में स्थित दुर्गा पर्वत के पास अंधे मोड़ और अत्यधिक अंधेरा होने की वजह से अनियंत्रित होकर इंडिगो चार पहियां वाहन क्रमांक – MP-12-CA-4274 सीधे नहर में जा गिरा। नहर के पानी में डूब रहे वाहन से वाहन चला रहे अभिषेक चतुर्वेदी और 13 वर्षीय केवट किसी तरह गाड़ी के ड्राइवर साइड वाले गेट से निकलने में सफल रहे परंतु गाड़ी में पिछली सीट पर बैठी अभिषेक की पत्नी गरिमा चतुर्वेदी को नहीं बचा पाए। इस तरह के कई हादसे हर वर्ष होते रहते हैं। नहर और रोड के क्रॉसिंग वाले स्थानों पर नहर की वेरीकेटिंग और सड़क पर उचित स्थानों पर गति अवरोधक की पर्याप्त व्यवस्था और प्रकाश की व्यवस्था के अभाव में कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
प्रशासन की अनदेखी का दंश झेल रहे नागरिक
भोगांवा निवासी ललित बिरला ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिवर्ष सैकड़ों दर्दनाक हादसे हो जाते हैं परंतु शासन प्रशासन और नहर प्रबंधन विभाग ने आज तक किसी भी प्रकार की कोई यहां बैरिकेडिंग की व्यवस्था नहीं की है नहर के ऐसे क्रॉसिंग वाले स्थानों पर उचित प्रकाश व्यवस्था एवं नहर के दोनों तरफ अवरोधक लगाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
क्या कहते हे जिम्मेदार
घटना के तुरंत बाद मुख्य नहर से पानी बंद किया गया और निचले ग्रामीण क्षेत्रों के नहर के पूरे गेट तत्काल खोल दिए गये थे। पानी कम होने से रात्रि लगभग 12:00 बजे गाड़ी एवं मृतक गरिमा का सब निकाल लिया गया था इसमें ओमकारेश्वर के गोताखोरों की मुख्य भूमिका रही।
उदय मण्डलोई, नायाब तहसीलदार
टप्पा कार्यालय मांधाता