खरगोन, बाबूलाल सारंग। हर वर्ष राम भक्त हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं हिंदू पुराणों के अनुसार आज ही के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था जिसके कारण इस दिन को हुनमान जयंती कहा जाता है। वही बड़वाह (Badwah) ब्लाक के ग्राम ओखला (Okhla) में भी ओखलेश्वर मठ (Okhleshwar Math) में मंगलवार को हनुमान जयंती पूरे विधि विधान से मनाई गई।
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विश्व की एक मात्र हनुमान जी की प्रतिमा है जिसमें हनुमान जी के हाथ में शिवलिंग विराजित है जो मध्यप्रदेश के बड़वाह ब्लाक के ग्राम ओखला में स्थित है। जहां ओखलेश्वर मठ में मंगलवार को हनुमान जयंती महोत्सव कोविड नियमों के तहत मनाया गया। बतादें कि सन 1974 से यहां अखण्ड जोत एवं अखंड रामायण पाठ चल रहा है । मन्दिर के पुजारी सुभाषप्रसाद पुरोहित व गिरीश पुरोहित ने बताया कि हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में कोविड नियमों का पालन करते हुए मन्दिर के पुजारियों की टीम द्वारा प्रातः से हनुमान जी की प्रतिमा का सहस्त्रधाराओ से जलाभिषेक किया गया, उसके पश्चात अभिषेक पूजन कर चोलावरण किया गया, उसके बाद महाआरती कर प्रसाद वितरण हुआ, वही कोरोना के चलते मन्दिर में प्रतिवर्ष होने वाला भव्य आयोजन व भंडारा प्रसादी का आयोजन नहीं हुआ। हनुमान जी के जन्मोत्सव का कार्यक्रम केवल मन्दिर के पुजारियों द्वारा ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।