खरगोन : रेमडेसिवीर की कालाबाजारी करते 3 युवक पुलिस की गिरफ्त में

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खरगोन, बाबुलाल सारंग। जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण (Corona infection) प्रदेश में अपने पैर पसारते जा रहा है जिसके चलते मरीजों का आकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है, और उतनी ही तेज़ी से रेमडेसिवीर इंजेक्शन, फेवीपिरवीर टैबलेट (Favipiravir Tablet) और ऑक्सीजन सिलेंडरों कालाबाजारी भी चालू हो गई है, वही आपदा में अवसर की तलाश कर रहे ऐसे लोगों पर लगाम कसने के लिए खरगोन (Khargone) एसपी ने 27 अप्रैल को हेल्पलाईन नंबर जारी किया था। जिसके बाद पुलिस को बड़ी सफलता हांथ लगी है।

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जानकारी के अनुसार कालाबजारी करने वाले कि शिकायत खरगोन पुलिस अधीक्षक शैलेंद्रसिंह चौहान को मिली जिसके चलते एसपी ने मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर कालाबाजारी करने वाले के खिलाफ मुहिम छेड़ दी। एसपी चौहान ने समस्त पुलिस अमले को कालाबाजारी की रोकथाम की दिशा में निरंतर कार्य करने और अपनी रूपरेखा पर अमल करने के निर्देश जारी किए थे। आखिरकार हेल्पलाईन नंबर जारी करने दूसरे दिन 29 अप्रैल को पुलिस के विश्वसनीय मुखबीर द्वारा सूचना दी गई कि दो व्यक्ति अवैध रूप से कालाबजारी कर अधिक दामों पर रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) बेचने का कार्य कर रहे है। मुखबीर द्वारा बताए गए स्थान पोस्ट ऑफिस के पास जाकर पुलिस ने जाल बिछाकर अपनी प्रक्रिया शुरू की और जहां पुलिस ने देखा की दो व्यक्ति खड़े है। तभी तस्दीक करने के लिए आरक्षक दीपक तोमर को साधारण कपड़ों में उन दोनों व्यक्तियों से इंजेक्शन के बारे में जानकारी ली। दोनों व्यक्तियों द्वारा प्रति इंजेक्शन 50 हजार रूपए की दर से उपलब्ध होना बताया। जिसके बाद पूरा विश्वास हो जाने के बाद पुलिस ने दोनों युवकों की तलाशी ली। तलाशी के दौरान 3 रेमडैक कंपनी के रेमडेसिवीर इंजेक्शन मिले। इन इंजेक्शन के बारे में डॉक्टर की पर्ची या वैध कागजात और बिल मांगे गए और दोनों किसी तरह के कागज प्रस्तुत नहीं कर पाएं। जिसके बाद दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया, वही आरोपी सागर पिता ओमप्रकाश ताम्रकर और माली निशांत पिता मनोहर पटेल ने बताया कि सागर इप्का कंपनी में एमआर के पद पर कार्य करता है और निशांत की राधावल्लभ मार्केट में स्पोर्ट्स की शॉप है।

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10 हजार रूपए का मिलता है कमिशन
पुलिस गहरी छान-बीन व पुछताछ करने के बाद सागर व निशांत ने बताया कि ज्योति नगर के दीपक जोगे ने उन्हें इंजेक्शन बेचने के लिए दिए गए थे। इसके लिए दीपक से हमे प्रति इंजेक्शन पर 10 हजार रूपए का कमिशन दिया जाता है। इसके बाद पुलिस दीपक जोगे की तलाश करते हुए पुराना अस्पताल पहुंचे। पुराना अस्पताल से दीपक जोगे को गिरफ्तार किया गया। दीपक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुखपुरी में संविदा पर फार्मासिस्ट के पद पर कार्य करता है। दीपक को यह इंजेक्शन कहा से मिले, इसकी पुछताछ अभी जारी है। एसपी चौहान ने बताया कि हेल्पलाईन नंबर जारी करने के बाद आईजी हरिनारायणचारी मिश्र और डीआईजी तिकलसिंह के निर्देश में दल बनाया गया है। इस दल में एएसपी जितेंद्रसिंह पंवार व डॉ. नीरज चौरसिया के अलावा सभी अनुभागों के एसडीओपी, थाना प्रभारी भी शामिल किए गए है।

आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत की गई कार्यवाही
एसपी चौहान ने बताया कि रेमडेसिवीर की वास्तविक किमत 2697 रूपए है और इसे कालाबाजारी कर 50 हजार रूपए में बेचते है। फ़िलहाल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 27 वर्षीय जैतापुर निवासी सागर पिता ओमप्रकाश ताम्रकर, 30 वर्षीय माली मोहल्ला निवासी निशांत पिता मनोहर पटेल व 34 वर्षीय ज्योति नगर निवासी दीपक बाबुलाल जोगे के विरूद्ध थाना कोतवाली में धारा 188, आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 53 व 57 और महामारी अधिनियम की धारा 4 के तहत कार्यवाही की गई है। इस कार्यवाही में एएसपी डॉ. चौरसिया, एसडीओपी रोहित अलावा, सुदर्शन कुमार, उनि दीपक यादव, आर दीपक तोमर, मनीष पाठक, सत्यभान, तरूण, अभिलाष, मगन व विजेंद्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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Harpreet Kaur

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