खरगोन, बाबूलाल सारंग। खरगोन जिले के अन्तर्गत ब्लैक फंगस (black fungus) यानी म्यूकर माइकोसिस (mucormycosis) का संभवतः जिले में पहला मामला झिरन्या में सामने आया है । ग्राम मारूगढ़ के एक युवा कोरोना संक्रमण से अपना इलाज करवा कर उससे निजात पाने की कगार पर ही था। लेकिन उसे आंखों (eyes) में कुछ परेशानी हुई तो तुरन्त झिरन्या शासकीय चिकित्सालय पर पहुंचा जहाँ ड्यूटी दे रहे मेडिकल ऑफिसर दीपक शस्त्रे व दीपक जायसवाल ने संयुक्त रूप से निरक्षण किया तो प्रथम दृष्टया उन्हें ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई दिए । जांच के लिये किसी अच्छे नेत्र विशेषज्ञ (eye specialist) के लिए सलाह के बाद उक्त युवा खण्डवा (khandwa) दिखाने गया जहां पर डॉ गुरदीपसिंह उबेजा की जांच के उपरांत ब्लैक फंगस की पुष्टी हुई है। जिसकी जानकारी झिरन्या चिकित्सालय द्वारा दी गई, जहां से जिला प्रशासन खरगोन को सूचना दी गई है ।
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शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झिरन्या के मेडिकल अफसर दीपक शस्त्रे का कहना है कि फंगस का संभवतः पहला मामला सामने आया है इस मामले में जिले को जानकारी भेजी जा रही है ,निर्देश प्राप्त होने पर आगे की करवाई की जाएगी। वहीं प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जिला अधिकारी, खरगोन दौलतसिंह चौहान ने कहा कि झिरन्या से मामले की खबर आई है, शासन के निर्देशानुसार जिला अस्पताल जाने की सलाह दी गई है ।
आखिर क्या है ब्लैक फंगस ?
ये एक फंगल बीमारी है , जो म्यूकर माइकोसिस नाम के फंगल से होती है । ये ज्यादातर उन लोगों को होता है, जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो या वो ऐसी दवाइयां ले रहे हों , जो बॉडी की इम्युनिटी को कम करती हों या शरीर की दूसरी बीमारियों से लड़ने की ताकत कम करती हों । ये शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है ।
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प्रदेश सरकार ने बुधवार को बनाई कंट्रोल यूनिट
बुधवार को ही मध्यप्रदेश सरकार ने ब्लैक फंगस से निपटने के लिए स्पेशल सेल का गठन किया है जिसमें चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने हमीदिया हॉस्पिटल के डॉक्टर के दल के साथ विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अमेरिका के वरिष्ठ संक्रामक बीमारी के चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ मनोज जैन से चर्चा के बाद निर्णय लेकर प्रदेश के भोपाल व जबलपुर में ब्लैक फंगस यूनिट खोली।