MP News: प्रदेश की सरकार अब स्टांप ड्यूटी (stamp duty) में छूट देने के लिए बनाए गए नियम में संशोधन करने जा रही है। सरकार द्वारा जिस संस्था को स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाती है उससे नगरीय निकाय अलग से स्टांप ड्यूटी नहीं ले पाएंगे। फिलहाल जो नियम है उसमें अलग से स्टांप ड्यूटी लिए जाने का प्रावधान है, जिसे सरकार समाप्त करने जा रही है।
सरकार द्वारा निवेश आकर्षित करने और अलग-अलग संस्थाओं की स्थापना के लिए स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाती है। अनुपयोगी संपत्तियों की नीलामी में भी छूट दिए जाने का प्रावधान है। अलग-अलग व्यवस्था होने के चलते कई बार परेशानी आती है इसी को देखते हुए सरकार ने नगरपालिका के विधि नियम में संशोधन करने का फैसला किया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस संशोधन विधेयक को प्रस्तुत किया जाएगा।
इस मामले में नगरीय विकास और आवास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नगरीय निकाय की सीमा के अंदर जो भी अचल संपत्ति आती है उसके अंतरण पर स्टांप शुल्क लिया जाए यह अधिनियम में प्रावधान है। यह व्यवस्था नगर पालिका और नगर परिषद में भी लागू की गई है।
सरकार द्वारा केंद्रीय संस्थान और प्रदेश में निवेश करने वाली औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन नीति के तहत स्टांप शुल्क में छूट दे दी जाती है। वहीं नगरीय निकाय में इनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला जाता है। इसी अंतर्विरोध को खत्म करने के लिए विधानसभा में होने वाले शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक प्रस्तुत कर नियमों में संशोधन किया जाएगा। संशोधन के बाद नगरीय निकाय उन संस्थाओं से अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकेंगे जिन्हें शासन द्वारा छूट दी गई है।