कोरोना के कठिन समय में सबसे ज्यादा तकलीफों से गरीब और मजदूर वर्ग ही जूझ रहा है। ऐसे समय जब लोगों का रोज़गार छिन रहा है, वो सड़कों पर मीलों पैदल चलने को मजबूर हैं और भूख ने उनके सब्र का बांध तोड़ दिया है, इसका खामियाज़ा मंडला जिले में एक सब इंजीनियर और गांव के सरपंच को उठाना पड़ा।
घटना बुधवार की है जब मंडला जिले के जनपद निवास की ग्राम पंचायत भीकमपुर में कुछ मजदूरों ने अपनी कड़ी मेहनत के बाद भी मजदूरी न मिलने से नाराज होकर सब इंजीनियर, सरपंच, सहायक सचिव और सुपरवाइजर को बंधक बनाकर पेड़ से बांध दिया। इन्हें मेढ़ बंधान की मजदूरी नहीं मिली थी जिससे नाराज होकर मजदूरों ने भीकमपुर के सरपंच लखन गोंटिया, सब इंजीनियर अरविंद मिश्रा व सहायक सचिव बिहारी लाल और सुपरवाइजर कोमहुआ के पेड़ में रस्सी से बांध दिया। इसके बाद जब मामले की जानकारी जनपद निवास के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लगी तो उन्होने तुरंत एसडीएम को दी। एसडीएम ने थाना प्रभारी निवास को मौके पर जाने के निर्देश दिए जिसके बाद थाना प्रभारी गांव पहुंचे। वहां जाकर उन्होने मजदूरों की बात सुनी और आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द उनके हक की राशि उन्हें दिलाई जाएगी, जिसके बाद बंधकों को छुड़ाया गया।
बता दें कि मनरेगा के तहत मजदूर खेत में बंधान का काम कर रहे थे, बुधवार को का काम का जायज़ा लेने सब इंजीनियर अरविंद मिश्रा वहां पहुंचे थे। मजदूूरों ने उनसे कहा कि उन्हें अब तक 6 साल पुराने मेढ़ बंधान की मजदूरी नहीं मिली है और उस राशि के भुगतान की मांग की। इसी बात को लेकर हल्के विवाद के बाद मजदूरों ने आक्रोशित होकर सब इंजीनियर सहित चार लोगों को बंधक बनाकर पेड़ से बांध दिया। बाद में थाना प्रभारी निवास जसवंत कोकड़िया ने मौके पर पहुंचकर मजदूरों को आश्वासन दिया और तब जाकर कहीं डेढ़ घंटे बाद बंधकों को मुक्त कराया गया।