इंदौर और भोपाल में मांस की दुकानों को 4 खास दिनों में बंद रखने का आदेश आ गया है। इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 30 मार्च को गुड़ी पड़वा, 6 अप्रैल को रामनवमी, 10 अप्रैल को महावीर जयंती और 12 मई को बुद्ध जयंती के दिन दुकानें बंद करने का फरमान सुनाया है। भोपाल में भी यही नियम लागू है, और वहां के बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हिंदू भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
इंदौर और भोपाल में मांस की दुकानों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 29 मार्च को आदेश जारी किया कि चार खास दिनों—30 मार्च (गुड़ी पड़वा/चेटीचंड), 6 अप्रैल (रामनवमी), 10 अप्रैल (महावीर जयंती), और 12 मई (बुद्ध जयंती)—पर नगर निगम सीमा में सभी मांस की दुकानें बंद रहेंगी। महापौर ने साफ कहा कि अगर कोई दुकानदार इस आदेश को नहीं मानेगा, तो सख्त कार्रवाई होगी। ये आदेश पिछले साल भी लागू हुआ था, और इस बार भी इसे सख्ती से लागू करने की बात कही गई है।

दूसरी तरफ, भोपाल नगर निगम ने भी ऐसा ही आदेश जारी किया है। भोपाल में भी इन्हीं चार दिनों में मांस की दुकानें बंद रहेंगी, और अगर कोई दुकानदार मांस बेचते पकड़ा गया, तो उसका लाइसेंस रद्द होगा और पुलिस कार्रवाई भी होगी। भोपाल में ये फैसला 28 मार्च को लिया गया, और वहां के बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस, सपा, बसपा जैसे दल गंगा-जमुनी तहजीब की बात करते हैं और कहते हैं कि सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। ऐसे में अगर हिंदू समुदाय ने इन त्योहारों पर मांस की दुकानें बंद करने की मांग की है, तो उनकी भावनाओं का आदर करना चाहिए।
मांस की दुकानें बंद करने का फैसला, क्या है इसकी वजह?, विधायक बोले – ‘मांस नहीं खाने से किसी को नुकसान नहीं होगा’
इंदौर और भोपाल में इन चार दिनों को धार्मिक रूप से अहम माना जाता है। 30 मार्च को गुड़ी पड़वा और चेटीचंड है, जो हिंदू नववर्ष और सिंधी कम्युनिटी का बड़ा त्योहार है। 6 अप्रैल को रामनवमी है, जो भगवान राम के जन्म का पर्व है। 10 अप्रैल को महावीर जयंती और 12 मई को बुद्ध जयंती है, जो जैन और बौद्ध समुदाय के लिए खास हैं। इन दिनों में मांस की बिक्री बंद करने की मांग लंबे समय से हो रही थी, खासकर हिंदू संगठनों की तरफ से। भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच ने टीटी नगर एसडीएम अर्चना शर्मा को इस बारे में आवेदन भी दिया था। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि 7-8 दिन मांस नहीं खाने से किसी को नुकसान नहीं होगा, और ये हिंदू भावनाओं का सम्मान करने का मौका है। लेकिन कुछ लोग इसे धार्मिक आधार पर लिया गया फैसला मान रहे हैं, और कह रहे हैं कि इससे मांस कारोबारियों को नुकसान होगा।
क्या होगा इस फैसले का असर, और कितनी सख्ती होगी?
अब बात करते हैं कि इस फैसले का असर क्या होगा। इंदौर और भोपाल में मांस की दुकानें बंद होने से इन दिनों में मांस खाने वालों को दिक्कत हो सकती है। खासकर उन लोगों को, जो इन त्योहारों से धार्मिक रूप से नहीं जुड़े हैं। मांस कारोबारियों के लिए भी ये नुकसान का सौदा है, क्योंकि चार दिन का बिजनेस बंद होने से उनकी कमाई पर असर पड़ेगा। इंदौर में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने साफ कहा है कि आदेश का पालन सख्ती से कराया जाएगा, और जो दुकानदार नहीं मानेगा, उसके खिलाफ नगर निगम कार्रवाई करेगा।