भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के दौरे पर आए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.मनसुख मांडविया, राजधानी स्थित भोपाल मोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) पहुंचे और यहां मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने के निर्देश दिए।
इस दौरान उन्होंने हॉस्पिटल में सीटी स्कैन, एमआरआई, माइक्रोबायोलॉजी टेस्ट की यूनिट का निरीक्षण किया और साथ ही उनसे गैस पीडित संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की और इलाज में हो रही परेशानियों के मामले को उनके सामने रखा।
बीएमएचआरसी के अलावा डॉ. मंडाविया ने एम्स का भी दौरा किया।
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अगले साल से शुरू होगी एमबीबीएस की क्लास
बीएमएचआरसी और एम्स का दौरा करने के बाद डॉ मनसुख मंडाविया ने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में इस बात को स्वीकार किया कि कुछ समय से बीएमएचआरसी सही रिजल्ट नहीं दे पा रहा है। उन्होंने कहा, ” एमपी के ट्राइबल एरिया में सिकल सेल बीमारी की जांच, इलाज के लिये आईसीएमआर द्वारा नये कदम उठाए जा रहे हैं।”
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, ” पीडितों के लिए बनाया गया बीएमएचआरसी कुछ समय से सही रिजल्ट नहीं दे पा रहा है। उसके कई कारण हैं। उसका आंकलन कर और हमने ये तय किया है अगले साल बीएमएचआरसी में एमबीबीएस की क्लास शुरू की जाएगी। इससे पहले पीजी कोर्स चालू हो चुका है। इसकी भी सीटें बढ़ाई जाएंगी। आईसीएमआर की ओर से बीएमएचआरसी को फैकल्टी ट्रांसफर करके उपलब्ध कराएंगे।”
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मेडिकल सीटों में वृद्धि
एम्स में डॉक्टरों की कमी पर पूछे गए सवाल के जवाब में डॉ. मंडाविया ने कहा कि देश भर में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाई गई हैं। देश में फिलहाल केन्द्र सरकार ने सीटों को बढ़ाकर 1 लाख कर दिया है।