MP के 38 डॉक्टर्स को मेडिकल काउंसिल ने दिया नोटिस, ये है कारण

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद् यानि मध्यप्रेदश मेडिकल काउंसिल (MP Medical Council) ने प्रदेश के 38 डॉक्टर्स (Doctors) को नोटिस दिया है। नोटिस का कारण सेवा शर्तों का उल्लंघन माना जा रहा है यानि इन डॉक्टर्स (Doctors) ने ना तो अनिवार्य ग्रामीण सेवा की और ना ही अनुबंध राशि यानि बॉण्ड राशि भरी। मेडिकल काउंसिल (MP Medical Council) ने डॉक्टर्स को निर्धारित अवधि में जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है और चेतावनी दी है कि आपने चिकित्सा नैतिकता के विरुद्ध कार्य किया है क्यों ना आपका पंजीयन निरस्त कर दिया जाये।

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मध्यप्रदेश मेडिकल काउन्सिल (MP Medical Council) ने पिछले दिनों 25 मई को अख़बारों में कारण बताओ नोटिस सूचना जारी की थी। सूचना में कहा गया कि मध्यप्रदेश में 136 डॉक्टर्स ने एडमिशन के समय कॉलेज में बॉण्ड भरा था। बॉण्ड राशि जमा करने के लिए 12 मई 2021 को अख़बारों के माध्यम से राशि जमा करने के लिए मेडिकल काउंसिल (MP Medical Council)  द्वारा  सार्वजानिक सूचना प्रकाशित की गई थी।  जिसमें कहा गया था कि सूचना प्रकाशन के 7 दिनों के अंदर सम्बंधित चिकित्सा महाविद्यालयों में बॉण्ड राशि जमा करा दें।  आपके चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता द्वारा सूची प्राप्त हुई है कि आपने ना तो अनिवार्य ग्रामीण सेवा की और ना ही बॉण्ड राशि जमा की।

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नोटिस में ग्वालियर के गजराराजा चिकित्सा महा विद्यालय ग्वालियर के 24 और नेताजी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सा महा विद्यालय जबलपुर के 14 डॉक्टर्स को सूचित किया गया है कि कारण बताओ नोटिस के प्रकाशन के 7 दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल (MP Medical Council) के समक्ष उपश्थित होकर या डाक द्वारा प्रस्तुत करें। नोटिस के अंत में कड़े शब्दों में इन डॉक्टर्स के लिए लिखा गया है कि आपने चिकित्सा नैतिकता के विरुद्ध कृत्य किया है क्यों ना आपका पंजीयन निरस्त कर दिया जाये। यहाँ बता दें कि कारण बताओ नोटिस की अवधि 31 मई को समाप्त हो रही है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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