मुरैना, संजय दिक्षित। मुरैना (Morena) के विधायक और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राकेश मावई ने मंगलवार को पार्टी के जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था। पहले विधायक और उनके नजदीकियों ने इस्तीफे की बात को स्वीकारा और कहा कि ग्वालियर नगर निगम में गुर्जर समाज के कांग्रेस नेताओं की अनदेखी से इस्तीफा दिया गया है। जब मामले ने तूल पकड़ा, तब रात होने तक विधायक राकेश मावई ने जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफे की बात को इनकार कर दिया।
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बता दें कि राकेश मावई, कांग्रेस विधायक ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को चार लाइनों में अपना विरोध जताने की बात कही गई थी, यह पूरा हंगामा मुरैना नगर निगम या जिले के किसी नगरी निकाय के टिकट को लेकर नहीं हुआ, बल्कि ग्वालियर नगर निगम के वार्ड 21 में कांग्रेसी टिकट को लेकर इस्तीफा देने की बात कही गई थी। इस्तीफा देने के साथ ही मुरैना विधायक राकेश मावई ने कहा कि पूरे ग्वालियर चंबल संभाग में वह गुर्जर समाज के इकलौते कांग्रेस के विधायक हैं, लेकिन कांग्रेस में ही गुर्जर नेताओ के साथ अवहेलना की जा रही है। भाजपा से आए आदमी को विधायक का टिकट दिया जाएगा, भाजपा से आई नेत्री को ही महापौर का टिकट दिया जाएगा, यह कहां का न्याय है।
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विधायक मावई ने आगे कहा कि क्या पूरे ग्वालियर में ऐसा कोई कांग्रेसी नहीं मिला जो महापौर का प्रत्याशी बन सकता है। यह विवाद जब कमलनाथ तक पहुंचा और उसके बाद हाईकमान ने ग्वालियर के वार्ड 21 से टिकट नहीं बदलने का भरोसा दिलाया, तब कहीं जाकर कांग्रेस की उथल-पुथल शांत हुई और देर रात विधायक राकेश मावई के मिजाज बदल गए और उन्होंने इस्तीफे की बात को गलत बताते हुए अपना वीडियो वायरल किया, कहा कि मैंने चार लाइन में अपना विरोध जताया था इस्तीफा नहीं दिया है।