मुरैना, नितेंद्र शर्मा। जैसे-जैसे त्योहारों का सीजन पास आता जा रहा है, वैसे-वैसे लोगों के मुंह में मिठाइयों का स्वाद आना शुरू हो गया है। हिंदू परंपरा के अनुसार त्योहारों या शादियों के अवसर पर हम एक दूसरे का मुंह मीठा मिठाइयों से ही करते हैं, लेकिन क्या हमें पता है किस तरीके से इन मिठाइयों बनाया जाता है ? बता दें कि ज्यादातर मिठाईयां मावा व पनीर से बनाई जाती हैं, लेकिन इतना सारा पनीर (Paneer) और मावा (Khoa) आखिर आता कहां से है और किस तरीके से बनाया जाता है यह विचारणीय है। वहीं मात्र थोड़े से लाभ के लिए दुकानदार नकली मावे से बनी हुई मिठाइयां बेचने में भी नहीं कतराते। इसी प्रकार का एक मामला आज मुरैना जिले (Morena District) के अंम्बाह तहसील (Ambah Tehsil) से सामने आया है। जहां जिला प्रशासन एवं खाद्य औषधि विभाग ने मिलकर दो नकली मावा और पनीर बनाने वाली फैक्ट्रियों (factories) पर छापामार कार्रवाई की।
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पुलिस को सूत्रों से खबर मिली थी की अंम्बाह के जौहा गांव में नकली पनीर और मावा बनाने वाली दो फैक्ट्रियां संचालित की जा रही हैं, जिसके बाद प्रशासन व खाद्य औषधि विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वहां पहुंचे। वहीं वहां पहुंचकर देखा तो आधा दर्जन से ज्यादा भट्टीयों पर नकली पनीर और मावा बन रहा था।
जिसके बाद बने हुए मावा और पनीर और सप्रेता रिफाइंड के नमूने खाद्य विभाग ने लिए, नकली पाए जाने पर ढाई सौ लीटर सप्रेता, 8 किलो जैमिनी वनस्पति घी, 25 किलो मावा बना रखा था इन सब को नष्ट किया गया। इन दोनों फैक्ट्रियों के मालिक दशरथ सिंह बघेल और शिशुपाल सिंह तोमर के खिलाफ मामला अंम्बाह थाने में (अधिनियम 1860 के तहत420, 227, 273) मामला पंजीबद्ध किया गया है।
जिले में और ज्यादातर गांवो में हर साल बहुत ज्यादा मात्रा में नकली मावा पनीर तैयार किया जाता हैं, और इन्हें त्योहारों के सीजन पर बस शादियों के अवसर पर बाजार में उतार दिया जाता है, अब आप खुद ही सोचिए कि यह नकली पनीर वह मामा जब आप आएंगे तो आपके वह आपके बच्चों के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा।