मुरैना में हो रहा है गरीबों के साथ अन्याय, कई सालों से बीपीएल धारकों को नहीं दिया जा रहा राशन

Manisha Kumari Pandey
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मुरैना, नितेंद्र शर्मा। जिले में चल रही सरकारी अनियमितताओं के कारण मासूम जनता को कष्ट का सामना करना पड़ रहा है, पूरे जिले में कई क्षेत्र में इतनी धांधली मची हुई है कि, गरीब व मासूम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, जैसे- तैसे जिले की गरीब जनता इन परेशानियों से जूझ रही है,  वही दूर -दूर तक इस गरीब जनता का दुख -दर्द को दूर करने वाला भी कोई नजर नहीं आता। सरकारी खाद्यान्न जोकि गरीब जनता का हक है, वह भी उन्हें नहीं दिया जा रहा है। इसी प्रकार की समस्या से मुरैना जिले की तहसील सबलगढ़ में  रहने वाले गांव के बीपीएल कार्ड धारकों का भी हाल है। जिन्हें कई वर्षों से सरकारी खाद्यान्न प्राप्त नहीं हुआ है और कागजों में दर्शाया जाता है की, इन गरीब लोगों को समय पर खाद्यान्न सरकार की तरफ से दिया जा रहा है।

मुरैना में हो रहा है गरीबों के साथ अन्याय, कई सालों से बीपीएल धारकों को नहीं दिया जा रहा राशन

मुरैना में हो रहा है गरीबों के साथ अन्याय, कई सालों से बीपीएल धारकों को नहीं दिया जा रहा राशन

मुरैना में हो रहा है गरीबों के साथ अन्याय, कई सालों से बीपीएल धारकों को नहीं दिया जा रहा राशन

मुरैना में हो रहा है गरीबों के साथ अन्याय, कई सालों से बीपीएल धारकों को नहीं दिया जा रहा राशन

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कुछ इसी प्रकार का मामला सामने आया, जिसमें सबलगढ़ तहसील के बरोटा ग्राम पंचायत के रहने वाले चंद्रपाल और उसके परिवार को बीपीएल धारक होने के बावजूद भी राशन का फायदा आज तक प्राप्त नहीं हो पाया है। इस परेशानी के चलते जब चंद्रपाल और  उसके परिवार ने सीएम हेल्पलाइन 181 पर इसकी शिकायत 1 महीने पहले दर्ज कराई, तो उसको विश्वास था की गरीबी कि इस स्थिति से कुछ राहत पाने के लिए, कम से कम मुख्यमंत्री से इस शिकायत के बाद उन्हें खाद्यान्न (राशन)  मिलना चालू हो जाएगा, लेकिन  एक महीने बाद जब चंद्रपाल ने शिकायत की स्थिति को देखा, तो पाया की शिकायत बंद हो गई है।

जब चंद्रपाल ने अपनी शिकायत बंद होने का कारण जानने की कोशिश की, तब उसके कहे अनुसार बताया गया की, उसकी शिकायत उसके मोबाइल नंबर को बंद बता कर, किसी दूसरे नंबर से क्लोज कर दी गई। चंद्रपाल और उसके परिवार जन इस शिकायत को बंद करने के लिए खाद्यान्न वितरण करने वालों को दोषी मान रहे हैं। अब चंद्रपाल और उसके परिवार में रहने वाले 8 लोग और ना जाने ऐसे कितने लोग जिन्हें की खाद्यान्न (राशन ) नहीं मिल रहा है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपने हक की गुहार लगाने में लगे हुए हैं।


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