मुरैना, डेस्क रिपोर्ट। रेत के अवैध खनन को लेकर बदनाम मुरैना एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार अवैध रेत उत्खनन को लेकर वन विभाग और विधायक आमने सामने आ गए हैं।एक बार फिर BJP विधायक कमलेश जाटव पर रेत माफिया से अवैध वसूली के आरोप लगे हैं। इन आरोपों को नकारते हुए जौरा से विधायक सूबेदार सिंंह रजौधा विधायक के समर्थन और SDO के खिलाफ मैदान मे उतर आए हैं। उन्होंने वन विभाग के अफसरों पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि SDO श्रद्धा पांढरे कोई झांसी की रानी नहीं हैं। वह DFO अनिल निकम के साथ मिलकर भ्रष्टाचार कर रही हैं। विधायक ने SDO की रेत को लेकर लगातार कार्रवाई के तरीके को गलत करार दिया।
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इस पूरे मामले में वन विभाग की तेज़ तर्रार अधिकारी SDO श्रद्धा पांढरे ने भी बयान देकर अपना पक्ष साफ कर दिया है, उन्होने कहा कि हर व्यक्ति कुछ भी बोलने के लिए स्वतंत्र है। अगर हमारे खिलाफ भ्रष्टाचार के विधायक के पास प्रमाण हैं, तो वह पेश करें। आरोप कोई भी लगा सकता है। बिना प्रमाण के आरोप का अर्थ नहीं है। हालांकि पूर्व मंत्री एदल सिंह कंसाना ने भी विधायक सुबेदार सिंह के बयान का समर्थन करते हुए SDO पर सवाल खड़े किए है। वही पूर्व मंत्री ऐदल सिंह कंसाना ने भी विधायक सूबेदार सिंह रजौधा का समर्थन करते हुए वन विभाग पर गलत कार्यवाही का आरोप लगाया है।
इस पूरे मामले में अब अधिकारी और बीजेपी विधायकों के बाद कांग्रेस भी बयान देकर खुलकर SDO के बचाव में सामने आ गई है। कांग्रेस की मानें तो श्रद्धा पांढरे ईमानदार अफसर है और सही कार्यवाही के चलते बीजेपी विधायक इस तरह के आरोप महिला अधिकारी पर लगा रहे है। बता दें कि SDO श्रद्धा पांढरे पर दो महीने में नौ हमले हो चुके है। हाल ही में उन पर और वन विभाग की उनकी टीम पर हमला किया गया था। इस हमले के बाद इस महिला अधिकारी ने पुलिस पर भी खुलकर आरोप लगाए थे। मुरैना में हुए इस हमले के बाद श्रद्धा को पुलिस सुरक्षा दी गई है।
SDO श्रद्धा पर लगातर आरोप लगाए जा रहे है। मुरैना में ग्रामीणों द्वारा वन विभाग के अमले पर हमले के बाद बीजेपी विधायक सूबेदार सिंह रजौधा ने श्रद्धा पर पलटवार करते हुए कहा है कि SDO पर कोई हमला नहीं कर रहा है। SDO ही सबके ट्रैक्टर पकड़ रही हैं। वह खाली ट्रैक्टर पकड़ लेती हैं। उन्होंने सती माता मंदिर के निर्माण के लिए रखी चंबल रेत को ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉली को पकड़ लिया था, जिसकी वजह से ग्रामीणों ने हमला किया था। ग्रामीण उस ट्रैक्टर को छुड़ा ले गए थे। मंदिर से सभी की आस्था जुड़ी रहती है।
यह पूरा मामला
ये मामला चंबल सेंचुरी से जुड़ा है जहां पर रेत का खनन प्रतिबंधित किया गया है। उसके बावजूद व्यापक स्तर पर रेत का अवैध खनन किया जाता है। यहां रोजाना लगभग एक हजार ट्रेक्टर रेत का खनन किया जा रहा है। गांव के गांव इस खनन में शामिल हैं। लोगों की मानें तो हर साल हजारों करोड़ रुपए के रेत का अवैध कारोबार यहां होता है। सेंचुरी का क्षेत्रफल भिंड से लेकर श्योपुर तक जाता है। इसका क्षेत्रफल साढ़े 450 किलोमीटर है। वन विभाग के पास इतना अमला नहीं है कि वह इस पूरे क्षेत्र की निगरानी कर सके। अवैध रेत के परिवहन को रोकने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की है, लेकिन पुलिस विभाग भी इस मामले में संवेदनशील नहीं है। लोगों का तो यहां तक कहना है कि पुलिस विभाग ही अवैध रेत का परिवहन करवा रहा है।