MP Board 2024 : 10वीं-12वीं के छात्रों के लिए अपडेट, उत्‍तर पुस्तिकाओं पर लगेंगे बार कोड, नहीं मिलेगी सप्लीमेंट्री, जानें बोर्ड परीक्षा से जुड़े ये नए नियम

एमपी बोर्ड की 10 वीं और 12वीं की परीक्षाएं फरवरी से शुरू होने वाली है। नकल और गड़बड़ी को रोकने के लिए इस बार नियम बेहद सख्त रहने वाले है। छात्रों को परीक्षा देने के लिए एग्जाम सेंटर पर करीब आधे घंटे पहले पहुंचना होगा, वही छात्रों को सप्लीमेंट्री के लिए अलग से कॉपी नहीं मिलेगी। इसके अलावा प्रायोगिक तौर पर कुछ उत्तरपुस्तिकाओं में बार कोड लगाया जाएगा।

Pooja Khodani
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MP Board 10th-12th Exam 2024 : मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल  के कक्षा 10वीं व 12वीं के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। इस बार लोकसभा चुनाव के चलते 10वीं-12वीं की परीक्षाएं फरवरी में होने जा रही है। 10वीं परीक्षाएं जहां 5 से 28 फरवरी तक चलेंगी।वही 12वीं के एग्जाम 6 फरवरी से 5 मार्च तक चलेंगे। सभी पेपर सुबह 9 से दोपहर 12 बजे के बीच होंगे ।

17 लाख छात्र होंगे परीक्षा में शामिल

मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाएं प्रदेश भर में तीन हजार 800 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा होगी। दोनों परीक्षाओं में इस साल करीब 17 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे।बोर्ड परीक्षा देने के लिए एग्जाम सेंटर पर परीक्षा शुरू होने से करीब आधे घंटे पहले पहुंचना होगा। परीक्षा शुरू होने से 15 मिनट पहले के बाद किसी भी छात्र को बोर्ड परीक्षा हॉल में एंट्री नहीं दी जाएगी।10वीं की परीक्षा के पहले दिन हिंदी का एग्जाम होगा और आखिरी दिन एनक्यूएसएफ और एआई के पेपर होंगे।12वीं की परीक्षा के पहले दिन हिंदी का एग्जाम होगा और आखिरी दिन छात्र उर्दू और मराठी के पेपर देंगे।

इस बार सख्त होंगे नियम

  • खास बात ये है कि इस बार बोर्ड एग्जाम में नियम सख्त रहने वाले है, क्योंकि इस साल प्रवेश पत्र में क्यूआर कोड (QR Code) लगाए जाएंगे।  इससे स्कैन करते ही विद्यार्थियों के नाम, फोटो, माता-पिता व स्कूल का नाम, पंजीयन नंबर सहित पूरी जानकारी सामने आ जाएगी ,जिससे फर्जी परीक्षार्थियों की पहचान आसानी से हो सकेगी।
  • इससे वास्तविक विद्यार्थी की जगह दूसरा फर्जी विद्यार्थी नही बैठ सकेंगे।परीक्षा के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी या उत्तर पुस्तिकाओं में हेरफेर से बचने के लिए सभी विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं में बार कोड होंगे। परीक्षा केंद्र पर एप से क्यूआर कोड स्कैन करके विद्यार्थियों की पूरी जानकारी जांची जाएगी।  परीक्षा की निगरानी ऑनलाइन की जाएगी। इसके लिए एक विशेष एप भी तैयार किया गया है।
  • इसमें संवेदनशील व अति संवेदनशील केंद्रों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। गणित, अंग्रेजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री के पेपर में परीक्षा केंद्रों पर वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
  • इस बार प्रश्नपत्र पुलिस थानों से कलेक्टर के एक प्रतिनिधि की उपस्थिति में ही निकाले जाएंगे। प्रश्न पत्रों का लिफाफा एग्जाम रूम में ही खोला जाएगा। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केंद्रों पर सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस तथा आब्जर्वर तैनात रहेंगे। वहीं सामान्य केंद्रों पर भी सुरक्षा के लिहाज से पुलिस तैनात रहेगी।
  •  इस बार छात्रों को सप्लीमेंट्री के लिए अलग से कॉपी नहीं मिलेगी। परीक्षा में विद्यार्थियों को दो तरह की उत्तर पुस्तिकाएं मिलेंगी। 32 पेज की मुख्य विषय की और 20 पेज की वोकेशनल और संस्कृत विषय की कॉपी होगी। प्रायोगिक परीक्षाओं में 10वीं के विद्यार्थियों को आठ और 12वीं के विद्यार्थियों को 12 पन्नों की कॉपियां देना तय हुआ है।गणित विषय में 32 पन्नों की ग्राफ कॉपी दी जाएगी। इसमें भी सप्लीमेंट्री कॉपी की कोई प्रावधान नहीं रहेगा।
  • प्रायोगिक तौर पर कुछ उत्तरपुस्तिकाओं में बार कोड लगाया जाएगा। कॉपी में रोल नंबर छिपाने के लिए किसी भी तरह के स्टीकर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा ।10वीं में गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान और 12वीं में हिंदी विषय की उत्तरपुस्तिका पर बार कोड लगाकर विद्यार्थियों की पहचान छिपाई जाएगी, उसके बाद कापियां मूल्यांकनकर्ताओं को जांचने के लिए देंगे। मूल्यांकन से जुड़ी दोनों व्यवस्थाओं का आकलन किया जाएगा।
  • परीक्षा केंद्रों पर नकल पर्ची रखने के लिए मंडल ने एक लोहे की पेटी रखने के लिए निर्देशित किया है। अगर किसी परीक्षार्थी के पास कोई नकल सामग्री, जिसमें गाइड चिट सामग्री है तो वह परीक्षा केंद्र में रखी उस लोहे की पेटी में डाल सकेंगे। इस बार स्कूल शिक्षा विभाग परीक्षा शुरू होने से पहले अध्यादेश लाकर सख्त प्रावधान करने जा रही है।इसके तहत सोशल मीडिया पर पेपर आउट करने वालों के खिलाफ 10 साल की सजा और 10 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है, इसके लिए एमपी बोर्ड के अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है।
  • परीक्षा केंद्रों में छात्रों की एंट्री और एग्जिट के लिए एक ही गेट होगा। मेन गेट पर परीक्षार्थियों की तलाशी ली जाएगी। इसी के साथ परीक्षा केंद्र में जो स्टाफ तैनात रहेगा उसके लिए आई कार्ड जारी किए जाएंगे। परीक्षा के दौरान सभी को आईकार्ड लगाना अनिवार्य होगा।परीक्षा केंद्राध्यक्षों को यह तय करना होगा कि उनके स्कूल में परीक्षार्थियों को अन्य स्कूलों के परीक्षार्थियों को मिश्रित कर बैठाया जाएगा। संबंधित स्कूल में कोई भी कार्यरत शिक्षक, पर्यवेक्षक की ड्यूटी नहीं कर सकेगा। इसी के साथ अन्य स्कूल के टीचर भी पर्यवेक्षक की ड्यूटी नहीं कर सकेंगे।
  • परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स ही नहीं, बल्कि परीक्षा ड्यूटी में तैनात रहने वाले केन्द्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष सहित परीक्षा के काम में लगे कोई भी कर्मचारी मोबाइल नहीं रख सकेंगे। सिर्फ फ्लाइंग स्क्वायड के दल के सदस्य ही मोबाइल रख सकेंगे।जिला स्तर, राज्य स्तर पर अलग-अलग फ्लाइंग स्क्वायड भी गठित किए गए हैं, जो लगातार परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण करेंगे।एमपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया ग्रुप पर सायबर सेल की निगरानी रहेगी।
  • माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए शिक्षा विभाग जिला प्रशासन एवं मंडल के अधिकारी एप्लीकेशन के माध्यम से प्रश्न पत्रों  और उत्तर पुस्तिकाओं के रखरखाव की निगरानी करेंगे। इतना ही नहीं थानों से प्रश्न पत्र उठाने से पहले कलेक्टर प्रतिनिधि और परीक्षा नियंत्रक को सेल्फी लेकर ऐप पर डाउनलोड करना होगी। परीक्षा केंद्र तक प्रश्न पत्र रखवाने की जवाबदारी भी कलेक्टर प्रतिनिधि की होगी। जैसे ही थाने से प्रश्न पत्र उठाए जाएंगे उसकी ट्रैकिंग शुरू हो जाएगी।परीक्षा में गड़बड़ी के दौरान पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाने का अधिकार केंद्र अध्यक्ष के पास रहेगा।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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