MP News: पशु पक्षी प्रेमियों को अक्सर ही अलग-अलग तरह के जानवरों को पालते देखा जाता है। किसी को कुत्ते बिल्ली जैसे जानवर पालतू के रूप में रखना पसंद होता है। तो कुछ लोग होते हैं जो मकाऊ, लव बर्ड, अफ्रीकी तोता, एगुआना, मॉनिट लिजार्ड जैसे विदेशी पशु पक्षियों को भी घर में रखते हैं। लेकिन आज जो खबर हम लेकर आए हैं वह इन पशु पक्षियों का व्यापार करने वाले लोगों और इन्हें घर में पालने वालों के लिए थोड़ी हैरान कर देने वाली है। दरअसल, अब सरकार ने यह निर्देश जारी कर दिया है कि इन प्रजातियों के जानवरों को बिना पंजीयन के रखना अपराध माना जाएगा।
जरूरी हुआ पंजीयन
जो लोग इन विदेशी पशु पक्षियों का व्यापार करते हैं या फिर उन्हें अपने घर में रखते हैं। उनके लिए वन अधिनियम 1972 की अनुसूची 4 में इन जानवरों के शामिल होने के बाद पंजीयन करना जरूरी हो गया है। जो लोग नियम के विरुद्ध जाकर इन जानवरों को बिना पंजीयन के रखेंगे। वन विभाग उन पर सीधी कार्रवाई करते हुए वन अधिनियम 1972 की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर सकता है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के परिवेश पोर्टल पर 31 अगस्त तक पंजीयन करवाना जरूरी है।
इसलिए लिया गया फैसला
वन अधिनियम की धाराओं के तहत अब वन विभाग को गैरकानूनी रूप से पशु पक्षियों को रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार इसलिए दिया गया है क्योंकि अब तक कई बार ऐसा हुआ है। जब विदेशी जानवरों को कई जगहों पर पाया गया। लेकिन वन विभाग उन पर प्रकरण दर्ज नहीं कर पता था। इन मामलों को सिर्फ आर्थिक अपराध से जोड़कर प्रकरण बनाए जाते थे। लेकिन अब वन विभाग सीधा प्रकरण दर्ज कर सकेगा।
ऐसे होगा पंजीयन
विदेशी पशु पक्षियों का रजिस्ट्रेशन, उनके जन्म मृत्यु से संबंधित जानकारी और स्वामित्व हस्तांतरण पर जोर देते हुए। अब 31 अगस्त तक लोगों को पंजीयन करने का समय दिया गया है।
इसके लिए पशु पक्षी मालिकों को परिवेश 2.0 पोर्टल के माध्यम से आवेदन करते हुए 1000 का पंजीयन शुल्क जमा करना होगा। आवेदन का सत्यापन करने के बाद क्षेत्रीय वन मंडल कार्यालय इन प्राणियों का सत्यापन करेगा। सत्यापन से संबंधित रिपोर्ट का कार्यालय पोर्टल पर उल्लेख करेगा।
ये हैं नियम
इन पशु पक्षियों को रखने वाले लोगों को तीन अलग-अलग प्रारूप में आवेदन करना होगा। वह जानवर की किस प्रजाति को रख रहे हैं, इस बारे में जानकारी देनी होगी। बिना पंजीयन के घर या व्यापार स्थल पर इस तरह के जानवरों को रखना गैरकानूनी माना जाएगा। अगर किसी व्यक्ति के पास मौजूद जानवर की मृत्यु होती है या किसी अन्य पशु पक्षी का जन्म होता है तो 24 घंटे में इसकी सूचना देनी होगी।
अगर जानवर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पलायन करवाया जा रहा है तो नजदीकी वन विभाग कार्यालय में 24 घंटे के भीतर इसकी सूचना देनी होगी। विदेशी प्रजाति के जानवरों की देशी नस्ल के जानवरों से क्रॉस ब्रीडिंग को भी गैरकानूनी करार दिया गया है।
पंजीयन और सत्यापन की अवधि समाप्त होने के बाद हर साल पशु पक्षी प्रेमियों को यह रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। अगर नियम नहीं माना गया तो कार्रवाई होगी।
ब्रीडिंग सेंटर संचालकों के लिए भी नियम बनाए गए हैं। जिसमें अगर जानवरों की क्रॉस ब्रीडिंग करवाई जाती है तो इस संबंध में जानकारी देना जरूरी है। इस संबंध में सत्यापन के दौरान अगर नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो केंद्र को बंद किया जाएगा। पशु पक्षियों का सत्यापन और पंजीयन करने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया है।