MP गजब है: 14 महीने बाद लिखी गई गैंग रेप की शिकायत  

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) भले ही महिला सुरक्षा (Female safety)को बहुत संजीदा रहते हो और उसे सबसे ऊपर रखते हो लेकिन उनकी सरकार के मुलाजिम किस तरह मुख्यमंत्री की सख्ती को दरकिनार कर उनकी मंशा को पलीता लगा रहे हैं इसका एक उदाहरण ग्वालियर में देखने को मिला है। यहाँ एक महिला को अपने साथ हुए गेंग रेप की शिकायत दर्ज कराने के लिए 14 महीने इंतजार करना पड़ा। खास बात ये है कि 14  महीने बाद भी शिकायत तब दर्ज हुई जब महिला ने सीएम हेल्प लाइन का सहारा लिया।

जानकारी के मुताबिक मुरार थाना क्षेत्र के बड़ागांव के पास अमित विहार कॉलोनी में रहने वाली 40 वर्षीय महिला अपने बेटे के साथ रहती है, महिला के पति का देहांत हो चुका है । नवम्बर 2019 में महिला को अकेला देखकर पास ही रहने वाले लल्लू ठेकेदार, कृष्ण पचौरी, नारायण सिंह गुर्जर और नरेश यादव उसके घर आ धमके और उसके साश गैंग रेप (Gang Rape) किया, महिला चीखती रही लेकिन आरोपियों को उस पर दया नहीं आई, उल्टा उसे धमकी दी कि अगर किसी को कुछ बताया तो उसे और उसके बच्चे को जान से मार देंगे। दुष्कर्म (Rape) की शिकार महिला शिकायत करने के लिए मुरार पुलिस थाने पहुंची। लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत दर्ज नहीं की। महिला ने कई बार पुलिस थाने के चक्कर लगाए, लेकिन हर बार पुलिस ने उसे दुत्कार कर भगा दिया और शिकायत दर्ज नहीं की। बताया जाता है कि दबंग आरोपियों ने पुलिस पर दबाव बना रखा था जिसकी वजह से पुलिस मामला दर्ज नहीं कर रही थी।

सीएम हेल्प लाइन बनी मददगार 

14 महीने तक चक्कर लगाने के बाद जब महिला को पुलिस से न्याय मिलने की उम्मीद धूमिल नजर आने लगी तो उसने फिर सीएम हेल्प लाइन (CM Help Line) पर शिकायत की, सीएम हेल्प लाइन (CM Help Line) के अफसरों ने महिला की शिकायत को गंभीरता से लिया और पुलिस को आदेश दिए तब कहीं जाकर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया है।

पुलिस ने की कानून की अनदेखी 

गौरतलब है कि महिला अपराध के मामलों में खासकर दुष्कर्म (Rape) के मामले में पुलिस को तत्काल शिकायत दर्ज  करने के निर्देश हैं लेकिन इस महिला के मामले में मुरार थाना पुलिस 14 महीने तक पीड़िता को चक्कर लगवाती रही। अब देखना ये है कि जिले के पुलिस कप्तान इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई करते हैं।

 

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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