MP News : दिग्विजय सिंह ने फिर सीएम मोहन यादव को लिखा पत्र, अब की ये मांग

दिग्विजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि EPFO ने अक्टूबर 2023 में भोपाल नगर निगम पर के खिलाफ एकतरफा कार्यवाही करते हुए उसे पृथक-पृथक आदेश द्वारा अर्थदण्ड और ब्याज सहित कुल राशि 21,11,60,748/- का भुगतान करने का आदेश दिया। निगम ने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया और उक्त ब्याज सहित अर्थदण्ड की 21 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान EPFO को कर दिया गया।

Pooja Khodani
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Digvijaya Singh letter to CM Mohan Yadav : चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक एक दिन पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सीएम डॉक्टर मोहन यादव को पत्र लिखा है। पत्र में भोपाल नगर निगम पदस्थ कर्मचारियों के EPFO में हुई गड़बड़ी का जिक्र किया है। साथ ही पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच और इसके लिए उत्तरदायी नगरीय आवास एवं विकास विभाग अथवा नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है।

निगर द्वारा 2016 से EPFO में जमा नहीं की गई है कर्मियों  राशि

दिग्विजय ने अपने पत्र में लिखा है कि आपको ज्ञात होगा कि नगर निगम भोपाल में लगभग 8000 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं लगभग 3200 नियमित कर्मचारी काम करते है । इन कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह EPF की राशि काटकर कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय (EPFO) में जमा की जानी होती है, जो कर्मचारियों की ही राशि होती है तथा उस पर उन्हें नियमानुसार ब्याज मिलता है। इसी राशि से कर्मचारियों को पेंशन मिलती है, लेकिन नगर निगम भोपाल द्वारा नवंबर 2016 से फरवरी 2023 तक कर्मचारियों की उक्त पेंशन निधि की राशि ईपीएफओ कार्यालय में जमा नही की गई।

EPFO ने लगाया निगम पर ब्याज सहित जुर्माना

दिग्विजय ने पत्र में लिखा है कि EPFO द्वारा अप्रेल 2022 से अक्टूबर 2023 तक अलग-अलग तिथियों में कुल 29 नोटिस नगर पालिक निगम भोपाल को भेजे गये जिसमें निगम को अपना पक्ष रखने को कहा गया। लेकिन नगर निगम भोपाल ने न तो कोई जवाब दिया और न ही सुनवाई पर उपस्थित हुए। EPFO ने अक्टूबर 2023 में भोपाल नगर निगम पर के खिलाफ एकतरफा कार्यवाही करते हुए उसे पृथक-पृथक आदेश द्वारा अर्थदण्ड और ब्याज सहित कुल राशि 21,11,60,748/- का भुगतान करने का आदेश दिया। निगम ने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया और उक्त ब्याज सहित अर्थदण्ड की 21 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान EPFO को कर दिया गया।

जांच कर अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

दिग्विजय ने आगे लिखा है कि शहर के आम नागरिकों से संपत्ति कर, जलकर एवं अन्य अनेकानेक करों के माध्यम से एकत्रित 21 करोड़ रूपए से अधिक की राशि को गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुये दण्ड एवं ब्याज के रूप में किसी संस्था को देना घोर कदाचरण की श्रेणी में आता है। मेरा आपसे अनुरोध है कि पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं को गंभीरता से लेकर इनकी उच्च स्तरीय जॉच कराने एवं इसके लिये उत्तरदायी नगरीय आवास एवं विकास विभाग अथवा नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर समुचित कार्यवाही हेतु निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें।

पत्र के प्रमुख बिन्दु

1. नगर निगम द्वारा कर्मचारियों की ईपीएफ की राशि को ईपीएफओ कार्यालय में क्यों जमा नही किया गया?

2. नगर निगम द्वारा ईपीएफओ कार्यालय के 29 नोटिसों का जवाब क्यों नही दिया गया और निगम के संबन्धित अधिकारी ईपीएफओ द्वारा प्रकरण की सुनवाई के दौरान उपस्थित क्यों नही हुये ?

3. नगर निगम भोपाल के अधिकारियों द्वारा ईपीएफओ को दण्ड एवं ब्याज के रूप में 21 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान किसके अनुमोदन से किया गया?

4. जब एक ओर नगर निगम भोपाल के अनेक कर्मचारियों को समय पर वेतन नही मिल रहा है तो उक्त राशि का ईपीएफओ को एकाएक भुगतान किस फण्ड से किया गया?

5. ई.पी.एफ.ओ. द्वारा नगर निगम भोपाल से 21 करोड़ रूपए से अधिक के दण्ड और ब्याज की राशि वसूली गई लेकिन इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध प्रकरण क्यों दर्ज नही किया गया?

6. नगर निगम भोपाल द्वारा जनता से वसूली गई राशि को जमा करने के लिये कितने प्रायवेट बैंकों में एफडी खाते खुलवाये गये है तथा इन बैंकों में ही क्यों खुलवाये गये है? क्या सरकारी बैंकों में नगर निगम की एफडी जमा नही हो सकती है?

7. नगर निगम के प्रशासनिक एवं लेखा अधिकारियों में कितने अधिकारी और कर्मचारी निगम के अलावा अन्य विभागों/कार्यालयों से यहाॅ पदस्थ है?

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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