भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP News) के जबलपुर (Jabalpur) के न्यू लाइफ सिटी हॉस्पिटल में हुई बड़ी घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली। जांच पड़ताल करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जबलपुर के साथ ही भोपाल, ग्वालियर के कई सारे अस्पतालों के लाइसेंस को रद्द कर दिया है। इनमें भोपाल के 21 अस्पताल, जबलपुर के 33 अस्पताल और ग्वालियर के 19 शामिल है। इतना ही नहीं इंदौर के 260 अस्पतालों ने भी सुरक्षा के कोई कदम नहीं उठाए हैं। ऐसे में अब इंदौर के अस्पतालों की भी जांच की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग लगातार अस्पतालों में हो रही गड़बड़ी और लापरवाही पर निगरानी रख रहा है।
जानकारी के मुताबिक, जबलपुर में न्यू लाइफ हॉस्पिटल में लगी आग की वजह से 8 लोग जिंदा जल गए। इस घटना ने तूल पकड़ लिया। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर के प्राइवेट अस्पतालों, नर्सिंग होम की जांच की। इस जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जबलपुर के 33 अस्पतालों के लाइसेंस को निरस्त कर दिया। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर जिले में एक डॉक्टर और नगर निगम के फायर ऑफिसर, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी टीम द्वारा निरीक्षण किया गया। इस दौरान जबलपुर के 33 अस्पतालों में गड़बड़ी पाई गई। वहीं भोपाल के 21 अस्पताल और ग्वालियर के 19 अस्पतालों में गड़बड़ी मिलने के बाद उनका पंजीयन निरस्त कर दिया गया।
जानकारी मिली है कि मंदसौर के चार, धार और खरगोन के दो-दो और बालाघाट, गुना, बड़वानी, शिवपुरी, उज्जैन, रतलाम, शहडोल, डिंडोरी, छतरपुर, बेतूल हरदा, रसायन में एक-एक अस्पताल का पंजीयन निरस्त किया गया है। इसके अलावा अभी भी कई अस्पतालों की जांच जारी है। कहा जा रहा है जिलों के कई नर्सिंग होम में टेंपरेरी फायर एनओसी भी नहीं मिली। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को नोटिस भी जारी किया।
MP News : इंदौर के 260 अस्पतालों ने भी एनओसी नहीं ली –
दरअसल, इंदौर के 260 अस्पतालों ने भी एनओसी नहीं ली है। बताया जा रहा है कि तीन तीन नोटिस जारी करने के बाद भी शहर में रजिस्टर्ड 330 अस्पतालों में से सिर्फ 70 अस्पतालों के पास ही एनओसी मिली लेकिन बचे हुए जितने भी अस्पतालों ने एनओसी नहीं ली है। अब उन पर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन सख्त कार्रवाई कर सकता है। कहा जा रहा है कि इंदौर स्वास्थ्य विभाग जाग तो गया, लेकिन प्राइवेट अस्पताल अभी भी अपनी मनमानी करने में आगे हैं। अभी सारे अस्पतालों की जांच करने के लिए कलेक्टर के निर्देश के बाद एक समिति का गठन किया जा रहा है।
जिन भी अस्पतालों में खामियां दिखाई देगी, उन पर सख्त कार्रवाई करने की पूरी तैयारी की जा रही है। आपको बता दें, जिस समिति का गठन किया जाएगा उसमें स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन, दमकल विभाग के कुछ अधिकारी सदस्य भी शामिल रहेंगे। इसको लेकर प्रभारी सीएमएचओ डॉ प्रदीप गोयल ने जानकारी देते हुए कहा है कि समिति सभी अस्पतालों का निरीक्षण करेगी। साथ ही अस्पतालों की सुविधाओं के साथ-साथ एनओसी का भी निरीक्षण किया जाएगा। ऐसे में जल्दी अस्पतालों में खामी नजर आएगी या जिंदी अस्पतालों के पास एनओसी नहीं होगी, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।