MP News: लोकतंत्र को नोटतंत्र से प्रभावित कर रहे नकुलनाथ, कैलाश विजयवर्गीय के नकुलनाथ पर गंभीर आरोप, कहा चुनाव आयोग से करेंगे शिकायत

MP News: नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस नेता पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह लोग लोकतंत्र को नोटतंत्र के माध्यम से खरीदना चाह रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, कि इन लोगों को हार का डर सता रहा है।

भावना चौबे
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MP News: इस वक्त देशभर में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी नेताओं ने अपनी अपनी कमर कस ली है। वहीं, कुछ नेता लोगों को अपनी ओर करने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रहे हैं। इसी के चलते मध्यप्रदेश नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता नकुलनाथ लोकतंत्र को नोटतंत्र की मदद से खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि यह नोटतंत्र आखिर है क्या अगर नहीं तो चलिए जानते हैं।

कैलाश विजयवर्गीय ने नोटतंत्र शब्द का इस्तेमाल क्यों किया

नोटतंत्र जैसे कि यह सुनने में ही लग रहा है। यह पैसों और नोटों से संबंधित एक शब्द है। मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि उनका आरोप है कि कांग्रेसी नेता लोगों को पैसे देकर या अन्य वस्तुएं देकर अपनी ओर करने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि सरासर गलत है। कैलाश विजयवर्गीय ने यह भी कहा है कि वह इस बात की शिकायत आयोग विभाग में अवश्य करेंगे।

कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से बातचीत करने के दौरान कहां, लगातार पिछले तीन दिनों से कहीं शराब बट रही है, जिसको लेकर हमने शिकायत भी की है। कांग्रेस के महामंत्री बताए जाने वाले गिरीश साहू के पास आज 4 लाख 94 हजार रुपए नगद निकले साथ ही साथ लिस्ट भी बरामद की गई जिसमें उन लोगों के नाम लिखे गए थे जिन्हें पैसे देना था।

भारतीय जनता पार्टी की चल रही आंधी: कैलाश विजयवर्गीय

नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने यह भी बताया कि उनके साथ तीन लोग और भी थे। पुलिस उन्हें भी तलाश कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि लोकतंत्र को नोटतंत्र के माध्यम से खरीदना चाहते हैं। इस वक्त नकुलनाथ जी बुरी तरह घबरा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की आंधी चल रही है, इस वक्त चारों ओर मोदी जी की आंधी चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि उन्हें अपनी हार साफ-साफ नजर आ रही है। यही वजह है कि अब उन्होंने नोटतंत्र का माध्यम अपनाया है। लोगों को अपनी और करने के लिए कहीं बर्तन बांटे जा रहे हैं, तो कहीं शराब बांटी जा रही है।


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भावना चौबे

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