मध्य प्रदेश में आम जनजीवन ने फिर पकड़ी रफ्तार, केंद्र के फैसले के बाद काम पर लौटे बस और ट्रक चालक

Diksha Bhanupriy
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MP News: हिट एंड रन कानून के विरोध में चालकों को प्रदर्शन करते हुए देखा जा रहा था और इससे आम जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा था क्योंकि बस और ट्रक के पहिए पूरी तरह से थम गए थे। अब एक बार फिर आमजन जीवन रफ्तार पकड़ता दिखाई दे रहा है क्योंकि केंद्र से मिले आश्वासन के बाद बस और ट्रक चालक अपने काम पर वापस लौट गए हैं। मध्य प्रदेश के सभी जिलों में परिवहन शुरू हो चुका है जिससे आम जनता ने राहत की सांस ली है। 2 दिन से पेट्रोल पंप पर भी भारी हुजूम उमड़ता हुआ दिखाई दे रहा था जो धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। हड़ताल की वजह से ऑटो रिक्शा, नगर परिवहन बस, कैब स्कूल कॉलेज के वाहन नहीं चल रहे थे जिस वजह से काफी परेशानी हो रही थी।

केंद्र और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की सुलह

ड्राइवर्स के हड़ताल पर चले जाने की वजह से आम जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया था जिसके चलते केंद्र सरकार ने अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के साथ बातचीत का सुलह करने की कोशिश की और आखिरकार यह सुलह हो चुकी है। इस के बाद मंगलवार को कई राज्यों में व्यावसायिक वाहनों और ट्रक की हड़ताल खत्म कर दी गई है और जल्द से जल्द लोगों से काम पर लौटने की अपील की गई थी, जो धीरे-धीरे अब काम पर लौट रहे हैं।

पेट्रोल पंप पर स्थिति सामान्य

हड़ताल के चलते पेट्रोल पंप पर भीड़ का दबाव ज्यादा देखने को मिल रहा था। बस और अन्य परिवहन साधनों के पहिए थम जाने की वजह से लोगों को ज्यादातर अपने वाहनों से आना-जाना करना पड़ रहा था यही कारण है कि पेट्रोल पंप पर भारी भीड़ देखने को मिल रही थी। इस स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा पेट्रोल पंप पर पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल उपलब्ध करवाया गया। हड़ताल के पहले दिन काफी ज्यादा भीड़ देखी जा रही थी लेकिन अब स्थिति सामान्य हो गई है।

अभी लागू नहीं होगा कानून

देश भर में हिट एंड रन कानून को लेकर हो रहे विरोध को देखते हुए अखिल भारतीय ट्रांसपोर्ट कांग्रेस साथ केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में एक बैठक रखी गई। इस बैठक में कानून को तत्काल प्रभाव से लागू न करने का निर्णय लिया गया है। केंद्र का कहना है कि ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की सलाह के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।

क्या है हिट एंड रन कानून

भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) के तहत यदि लापरवाही से गाड़ी चलाने पर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो ड्राइवर को 10 साल की सजा होगी। साथ ही जुर्माने का भुगतान करना पड़ेगा। इस कानून को लेकर उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में ड्राइवर हड़ताल कर रहे थे।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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