MP Tourism News: आज साल का आखिरी दिन है और कल से नए साल (New Year) की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ने की बात कही जा रही है। श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन हो सके इसके लिए मंदिर समिति की ओर से नई दर्शन व्यवस्था तैयार की गई है।
6 लाख श्रद्धालु आने का अनुमान
हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के आंगन से अपने नववर्ष की शुरुआत करते हैं। इस बार साल का आखरी दिन शनिवार को है और नए साल की शुरुआत रविवार से हो रही है। वीकेंड का दिन होने के चलते लगभग 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इस बारे में जानकारी देते हुए मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया है कि भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से त्रिवेणी संग्रहालय से कतार लगाकर भक्तों को महाकाल लोक के मानसरोवर से गणेश मंडपम तक पहुंचाया जाएगा। भक्त बाबा के दर्शन करते हुए महाकाल लोक के ही पिनाकी द्वार से वापस बाहर आएंगे। जूता चप्पल स्टैंड और मोबाइल तथा लगेज रखने की व्यवस्था भी अलग-अलग काउंटर बनाकर की गई है। इसके अलावा लड्डू प्रसादी के काउंटर भी बढ़ाए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को आसानी से प्रसादी मिल सके।
उमड़ा भक्तों का सैलाब
साल के आखिरी दिन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो शिप्रा नदी के किनारे बसा हुआ है और साथ ही एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है। ऐसे में बड़ी संख्या में भक्त महाकाल को अपना आराध्य मानते हैं और ये नजारा साल की आखिरी दिन उमड़ी भीड़ के जरिए नजर भी आ रहा है।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के महाकाल मंदिर पहुंचने को लेकर प्रशासन पूरी तरीके से सतर्क है। मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। भक्तों की सहायता के लिए 6 परामर्श केंद्र तैयार किए गए हैं। इसके अलावा चिकित्सा संबंधी परेशानी होने पर एंबुलेंस भी मौके पर तैनात है। पेयजल, जूता चप्पल और मोबाइल तथा बैग रखने के लिए भी काउंटर बढ़ाए गए हैं।
होटल का किराया बढ़ा
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए होटल संचालकों ने भी अपने किराए में बढ़ोतरी कर दी है। महाकाल मंदिर के पास स्थित सभी होटल है और धर्मशाला में कमरे खाली नहीं मिल रहे हैं। होटलों का किराया लगभग 3 गुना बढ़ चुका है और नॉन एसी का किराया एसी के किराए के बराबर पहुंच चुका है।