MP Tourism: मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके के बसा हुआ बहुत ही खूबसूरत स्थान है। यह बेतवा नदी के किनारे मौजूद एक ऐतिहासिक स्थल है। जहां पर इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला के बेजोड़ नमूने देखने को मिलते हैं। पूजा में एक शानदार खिलाकर मौजूद है जो बुंदेला राजवंश की कविता और प्रभावशीलता को दर्शाने का काम करता है।
ओरछा का सुंदर किला
ओरछा किले को ओरछा कोठी के नाम से भी पहचाना जाता है। 16वीं शताब्दी में ऊर्जा के संस्थापक राजा रुद्र प्रताप सिंह ने इसे स्थापित किया था। यह किला बुंदेला राजपूत राजाओं की राजधानी के रूप में पहचान चाहता था। यह तीन तरफ से बेतवा नदी से घिरा हुआ है और एक तरह से प्राकृतिक सुरक्षा के बीच मौजूद है। इस किले के अंदर कुछ आकर्षक संरचनाएं बनी हुई हैंचलिए आपको इनके बारे में बताते हैं।
राजा महल
यहां पुराना महल राजा महल राजा रुद्र प्रताप सिंह द्वारा बनवाया गया था। इसकी बाहरी दीवारों पर धार्मिक विषय और दैनिक जीवन को दर्शाते दृश्य चित्रों के रूप में दिखाई देते हैं। अंदरूनी हिस्से की नक्काशी बहुत ही सुंदर है। यहां पर खिड़कियां बालकनी और छत बनी हुई है।
जहांगीर महल
यह बहुत सुंदर महल है जिसका निर्माण राजा वीर सिंह देव ने मुगल सम्राट जहांगीर की एक दिवसीय ओरछा यात्रा के सम्मान में करवाया था। यहां पर पत्थरों की नक्काशी और जालीदार काम देखने लायक है। यह एक तरह से मुगल वास्तुकला की भव्यता को दर्शाता है।
शीश महल
बुंदेला राजाओं के लिए महल के रूप में निर्मित किया गया शीश महल अब हेरिटेज होटल में बदल चुका है। यह आने वाले मेहमानों को शाही विलासिता का अनुभव करने का मौका देता है। इसके नाम से जाहिर है कि यह दर्पण का महल है। इस सुंदर बनाने के लिए आश्चर्यजनक दर्पणों का इस्तेमाल किया गया है।
रामराजा मंदिर
ओरछा के सबसे आकर्षक स्थलों में से एक राम राजा मंदिर भी है। यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर भगवान राम की राजा के रूप में पूजन की जाती है। यह प्रमुख तीर्थ स्थल के तौर पर पहचाना जाता है। इसके अलावा चतुर्भुज मंदिर अपने ऊंचे शिखर और भाव वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर आपको बुंदेला राजवंश की धार्मिक भक्ति और स्थापत्य कौशल की झलक देखने को मिलेगी।