EOW Action : प्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। इसके बावजूद भी रिश्वतखोरी बंद नहीं हो रही, सरकारी मुलाजिमों को ना किसी का भय है और ना ही अपनी नौकरी पर संकट का, ताजा मामला मध्यप्रदेश के दतिया जिले का है जहाँ ग्वालियर ईओडब्ल्यू की टीम ने निर्वाचन पर्यवेक्षक आलोक खरे को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है।
पीड़ित ने ग्वालियर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ऑफिस में दिया आवेदन
ग्वालियर ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार, फरियादी राकेश शिवहरे माध्यमिक स्कूल में शिक्षक है। जिसने एक शिकायती आवेदन ग्वालियर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ऑफिस में दिया था। जिसमें शिकायत की गई थी कि निर्वाचन विभाग के एक बाबू द्वारा रिश्वत की मांग की गई थी।
निर्वाचन विभाग के बाबू ने मांगी 30 हजार रुपये की रिश्वत
आवेदक राकेश शिवहरे ने आवेदन में बताया कि कुछ दिनों से में निलंबित था। उसकी बहाली फाइल तैयार करने के लिए निर्वाचन विभाग के बाबू ने रिश्वत की मांग की थी। फरियादी ने इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू में की। जबकि शिक्षक ने पहले ही 5 हजार रुपए एडवांस के रूप में दे दिए थे और आज बचे हुए 25 हजार रुपए का लेन-देन होना था।
रिश्वत (Bribe) लेते निर्वाचन विभाग का बाबू रंगे हाथ गिरफ्तार
शिकायत मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने इसकी जांच की और सत्यता प्रमाणित होने पर एक ट्रैप दल बनाया, आज निर्धारित समय पर कलेक्ट्रेट में आवेदक ने निर्वाचन विभाग के बाबू को जैसे 25 हजार रुपये दिए। वैसे ही ईओडब्ल्यू की टीम ने भ्रष्टाचारी बाबू को रंगे हाथों पकड़ा लिया। इस पूरे मामले में आरोपी के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। विवेचना में सारे तथ्यों की जांच की जाएगी।
दतिया से सत्येन्द्र रावत की रिपोर्ट