MP Tourism: ये है मध्य प्रदेश की अनूठी जगह, आज भी रहस्यों से भरी है यहां की मूर्तियां, हजारों साल पुराना है इतिहास

खजुराहो मध्य प्रदेश का एक बहुत ही खूबसूरत स्थान है। यहां के मंदिरों की वास्तु कला देखने लायक है।

Diksha Bhanupriy
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MP Tourism: मध्य प्रदेश भारत का एक बहुत ही खूबसूरत राज्य है। इस राज्य की संस्कृति, परंपरा, पर्यटक स्थल, रहन-सहन, खान पान, बोली बहुत ही आकर्षित करने वाली है। यहां पर आपको कई सारे अनूठे और प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक स्थान देखने को मिल जाएंगे। प्राकृतिक खूबसूरती के मामले में भी मध्य प्रदेश पीछे नहीं है। खजुराहो एक ऐसी जगह है जो प्राचीन मंदिरों की वजह से पहचानी जाती है और इसे यूनेस्को में विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है।

अगर आप मध्य प्रदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं और यह सोच रहे हैं कि आपको कहां-कहां जाना चाहिए। तो अपनी लिस्ट में आपको खजुराहो जरूर शामिल करना चाहिए। खजुराहो का मंदिर बहुत ही खास है और इसका दीदार आपका दिल खुश कर देगा। चलिए आज हम आपको इसी के बारे में बताते हैं।

खजुराहो का मंदिर

खजुराहो का मंदिर पूरी तरह से पत्थर से निर्मित है और यह वास्तु कला का अद्भुत नमूना पेश करता है। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां पर जो मूर्तियां बनी हुई है वह कामुक मुद्रा में हैं। आमतौर पर जब भी हम किसी मंदिर में जाते हैं तो वहां पर भगवान की मूर्तियां आशीर्वाद या ध्यान मुद्रा में दिखाई देती है। लेकिन जब आप खजुराहो के मंदिर की दीवारों को देखेंगे तो यहां पर नर नारी की कामुक मूर्तियां का चित्रण देखने को मिलता है। यह अपने आप में बहुत विचित्र है।

यहां है कई सारे मंदिर

सिर्फ खजुराहो का मंदिर ही नहीं बल्कि यहां पर पूर्वी समूह दक्षिणी समूह और पश्चिमी समूह में कई सारे मंदिर हैं। हिंदू मंदिरों के अलावा यहां पर जैन मंदिर भी मौजूद है। यहां पर 8 मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और 6 मंदिर ऐसे हैं जिन्हें भगवान शिव को समर्पित किया गया है। यहां श्री गणेश और सूर्य को समर्पित मंदिर भी मौजूद है और तीन मंदिर जैन तीर्थंकरों के हैं।

मूर्तियों का रहस्य

खजुराहो के मंदिरों में जो चित्रकार की गई है वह हर किसी को हैरान कर देती है। यहां ऊंची ऊंची दीवारों पर कामुक मूर्तियां बनी हुई है। मंदिरों में इस तरह की मूर्तियां होना हैरान कर देने वाला है। बताया जाता है कि चंदेल राजाओं ने इनका निर्माण करवाया था। इस तरह की मूर्ति मंदिर में बनवाना आज भी रहस्य बना हुआ है और इसे लेकर कई तरह की बातें भी प्रचलित है। ऐसा कहा जाता है कि चंदेल शासकों के समय में इस क्षेत्र में तांत्रिक समुदाय की वाममार्गी शाखा का वर्चस्व था। यह लोग भोग और योग को मोक्ष का साधन मानते थे और यह मूर्तियां इसी बात को दर्शाती हैं।

कैसे जाएं

अगर आप खजुराहो और यहां के मंदिरों को देखना चाहते हैं तो इसके लिए रेल, सड़क और वायु मार्ग तीनों से सुविधा उपलब्ध है। खजुराहो एयरपोर्ट शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर है इसके अलावा आप बस ट्रेन से भी आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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