राजस्थान में गुर्जर आंदोलन : एमपी में ट्रेन के मार्ग बदले, राजधानी एक्सप्रेस सहित कई महत्वपूर्ण गाड़िया प्रभावित

Gaurav Sharma
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रतलाम, सुशील खरे । मप्र के सबसे बड़ा रेल मंडल रतलाम में है और यहां से दिल्ली-मुंबई जाने वाली कई ट्रेनें आज से प्रभावित हुई हैं क्योंकि राजस्थान के कोटा रेल मंडल के हिंडोन सिटी में रेल पटरी पर एक बार फिर से गुर्जर अपनी विभिन्न मांग को लेकर बैठ गए है। इसके चलते मथुरा से लेकर कोटा के रास्ते रतलाम तक रेल यातायात बाधित हो गया है।

रतलाम रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार राजस्थान के कोटा रेल मंडल के हिंडोन सिटी में रेल पटरी पर एक बार फिर से गुर्जर अपनी विभिन्न मांग को लेकर बैठ गए है। इसके चलते मथूरा से लेकर कोटा के रास्ते रतलाम तक रेल यातायात बाधित हो गया है। रेलवे ने नई दिल्ली मुंबई राजधानी एक्सप्रेस, अमृतसर-मुंबई सेंट्रल पश्चिम एक्सप्रेस आदि के मार्ग में बदलाव किया है, इसके चलते कई ट्रेन की समय सारणी में बदलाव हुआ है।

रेल मंडल के आला अधिकारियों के अनुसार मथुरा से कोटा के बीच के हिंडोन सिटी में गुर्जर समाज के युवक पटरी पर आ गए है। हालांकि इनके बीच मत अलग अलग है। सूचना के अनुसार कुछ युवक आंदोलन पटरी पर नहीं करना चाहते है, लेकिन दोपहर 3 बजे बाद बड़ी संख्या में गुर्जर समाज के युवक पटरी पर जुट गए है। इन सब के बीच रेलवे ने योजना बनाकर ट्रेन के मार्ग में बदलाव करने का निर्णय लिया है।

बता दें कि सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर लंबे समय से गुर्जर हर साल राजस्थान में कोटा – मथुरा के बीच रेल पटरी पर आंदोलन करते है। इस आंदोलन के चलते रेल यातायात बाधित होता है। इस बार रविवार दोपहर को जैसे ही गुर्जर पटरी पर बैठे रेलवे ने आपात योजना बनाकर ट्रेन के मार्ग में बदलाव करने का निर्णय ले लिया।

इन ट्रेनों के बदले रास्ते

कोटा रेलवे के अनुसार निज़ामुद्दीन मुंबई सेंट्रल अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस, अमृतसर मुंबई सेंट्रल पश्चिम एक्सप्रेस, गुजरात संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, पुना फेस्टिवल एक्सप्रेस, नई दिल्ली मुंबई राजधानी एक्सप्रेस, लखनऊ बांद्रा एक्सप्रेस, कानपुर बांद्रा एक्सपे्रस, रामनगर बांद्रा एक्सप्रेस, भागलपुर गांधीनगर एक्सप्रेस, बांद्रा युवा एक्सप्रेस ट्रेन के मार्ग में बदलाव किया है। इन ट्रेन को मथुरा से झांसी-ग्वालियर-भोपाल-उज्जैन-नागदा के रास्ते रतलाम लाया जाएगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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