MP Weather: शीतलहर की चपेट में ग्वालियर, तापमान सामान्य से 6 डिग्री कम, जले अलाव

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। उत्तर भारत की तरफ से आ रही सर्द हवाओं के चलते ग्वालियर (Gwalior News) शीतलहर (Cold Wave) की चपेट में है। शहर के लोग गलन वाली सर्दी(Cold Wave) का अहसास कर रहे हैं। तेज सर्दी के चलते लोग शरीर को गर्म कपड़ों से ढंककर ही घर से निकल रहे हैं। रात का तापमान दो दिनों से 1.8 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। खुले क्षेत्रों में ओस बर्फ की तरह जमी दिखाई दे रही है। हालत को देखते हुए नगर निगम ने शहर के लोगों को सर्दी से बचाने के लिए जगह-जगह अलाव (bonfire) की व्यवस्था की है।

बर्फीली हवाओं से इस समय ग्वालियर चम्बल संभाग गलन वाली सर्दी की चपेट (Gwalior Chambal division hit by cold wave) में है। रात का तापमान दो दिन से 1.8 डिग्री सेल्सियस चल रहा है जो दिसंबर में लम्बे समय बाद देखने में आया है, ये सामान्य से 6 डिग्री कम जिसके कारण शीतलहर की चपेट में ग्वालीरो चम्बल अंचल के जिले हैं।

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ग्वालियर मौसम विज्ञान केंद्र के सहायक वैज्ञानिक प्रसून पुरवार के अनुसार पिछले दिनों उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर से गुजरे दो पक्षिमी विक्षोभ का असर अभी है।  वैज्ञानिकों के अनुसार राजस्थान के ऊपर प्रति चक्रवात बना हुआ है जिसकी वजह से उत्तरा पश्चिमी ठंडी हवाएं आ रही हैं जिससे रातें ठंडी हैं। खुले क्षेत्रों ने ओस बर्फ की तरह जम रही है। सतह पर तामपान 0 डिग्री या उससे कम हो सकता है।

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वरिष्ठ वैज्ञानिक सीके उपाध्याय के मुताबिक आने वाले दिनों में 22 दिसंबर को पक्षिमी विक्षोभ आएगा जिसका असर 23-24 दिसंबर को होगा जिसके कारण बादल आ सकते हैं और फिर उसके बाद 27 को बारिश की सम्भावना है। उधर शहर में चल रही शीतलहर से लोगों को बचाने के लिए नगर निगम भी एक्टिव हो गया है। नगर निगम ग्वालियर (Gwalior Municipal Corporation) के पार्क अधीक्षक मुकेश बंसल ने बताया कि शहर के लोगों को बचाने के लिए 20 सार्वजानिक स्थानों पर अलाव जलाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अलाव शाम साढ़े 6 बजे से शुरू हो जाते हैं उसके बाद देर रात तक जलाये जाते हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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